ओडिशा के नुआपड़ा जिले में मंगलवार को नक्सलियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की टीम पर हमला बोल दिया। इस हमले में सीआरपीएफ के तीन जवान शहीद हो गए। शहीद होने वालों में दो असिस्टेंट सब इन्स्पेक्टर और एक कॉन्स्टेबल शामिल हैं। शहीद जवान धर्मेंद्र कुमार सिंह रोहतास जिले के काराकाट गांव के सरैया के रहने वाले हैं।
सीआरपीएफ के अधिकारियों ने मंगलवार की देर रात ही फोन पर परिजनों को इस सर्वोच्च बलिदान की सूचना दे दी थी। जवान की शहादत की खबर से घर मंें कोहराम मच गया है, वही गांव में भी शोक का माहौल है। शहीद का शव बुधवार शाम तक पैतृक गांव लाया जा रहा है। उनके जानने तथा चाहने वाले लोगों की भीड़ शहीद जवान के घर पर इकट्ठा हो गई है। मृतक के परिवार में छोटे भाई के अलावा उनके किसान पिता तथा माता हैं जो बेहाल हैं।
2011 में हुई थी ज्वाइनिंग
बताते हैं कांस्टेबल जवान धर्मेंद्र कुमार सिंह की वर्ष 2011 में सीआरपीएफ में जवान के रूप में योगदान दिया था। उनके पिता रामायण सिंह किसान हैं तथा माता सामान्य गृहणी हैं। उनकी आंखों का आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा है, अपने बुढ़ापे के सहारा छिन जाने का उन्हें काफी दुख है लेकिन अपने पुत्र के सर्वोच्च बलिदान पर उन्हें गर्व भी हैं।
2005 में हुई थी शादी
धर्मेंद्र कुमार की शादी वर्ष 2005 में भोजपुर जिला के पीरो थाना अंतर्गत रजमल डीह गांव में हुई थी। दिवंगत जवान की पत्नी आशा देवी भी अपना सुहाग खोने के बाद से बदहवास हैं। उनका 12 साल का बेटा रौशन आठवीं क्लास में पढ़ता है। जबकि, 10 साल की बेटी खुशी अपने पिता के शहीद होने से पूरी तरह से मर्माहत है।
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