अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी के आह्वान पर एवं बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के सचिव मंडल के निर्णयानुसार 14 मार्च को प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम 16 सूत्री मांग पत्र समर्पित किया गया।बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला शाखा सहरसा के जिला मंत्री शरद कुमार के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया । महासंघ के जिलाध्यक्ष प्रभात कुमार सिंह, जिला मंत्री शरद कुमार द्वारा बताया गया कि बिहार राज्य के सभी कर्मचारियों को पुराने पेंशन ,ठेका संविदा शिक्षक एवं अन्य कर्मियों का नियमितीकरण, कमांड कर्मचारियों का जल संसाधन विभाग में समायोजन सहित अन्य महत्वपूर्ण न्यायोचित मांगों का माँग पत्र समर्पित कर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया। प्रदर्शन में समाहरणालय, स्वास्थ्य, शिक्षा, राज्यकृत शिक्षक संघ, पीएचडी, काडा, सिंचाई, कृषी,राजस्व कर्मचारी, पंचायत सेवक, पंचायत रोजगार सेवक, कृषि सलाहकार, सहित अनेक विभाग के कर्मचारियों ने भाग लिया।
कई विभाग के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन में लिया हिस्सा
जिसमें महासंघ के सहायक जिला मंत्री रत्नेश राज, समाहरणालय संघ से रमण, समरेंद्र सिंह, कुणाल राय, लक्ष्मी राम, श्यामलकिशोर, सतीश , अनिल पासवान, राजस्व कर्मचारी संघ के धर्मेंद्र यादव, स्वास्थ्य संघ से सावन कर्ण, सुरेश यादव शिक्षा अनुसचिवीय संघ से ललित नारायण मिश्र,पीएचडी संघ से बच्चा सिंह, गोविंद झा,कृषि विभाग से प्रीतम, हर्षवर्धन, राज्यकृत शिक्षक संघ के शैलेश कुमार झा, पंचायत रोजगार सेवक संघ के जिला अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह, सचिव रामरथ भारती, कोषाध्यक्ष सर्वज्ञ कुमार, कृषि सलाहकार संघ के अध्यक्ष अनिरुद्ध पटेल, सचिव अजय कुमार झा, सिंचाई एवं काडा संघ से अमित भारद्वाज, मनोहर प्रसाद सिंह,पंचायत रोजगार सेवक संघ के जिला अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह, सचिव रामरथ भारती, कोषाध्यक्ष सर्वज्ञ कुमार, कृषि सलाहकार संघ के अध्यक्ष अनिरुद्ध पटेल, सचिव अजय कुमार झा, सिंचाई एवं काडा संघ से अमित भारद्वाज, मनोहर प्रसाद सिंह ,सहित सैकड़ों कर्मचारियों ने भाग लिया।
कर्मियों ने न्यूनतम वैधानिक रुपए 26000 का भुगतान करने की मांग की
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी ने एनपीएस को समाप्त कर राज्य के सभी कर्मियों को पुराने पेंशन का लाभ दिया जाय। पीएफआरडीए कानून की वापसी हेतु राज्य सरकार के स्तर से उचित कार्रवाई की जाय। ठेका , संविदा , आउटसोर्सिंग की प्रथा पर रोक लगाते हुए मानदेय आधारित कर्मियों की सेवा स्थायी की जाय। समान काम के बदले समान वेतन तथा न्यूनतम वैधानिक रुपए 26000 का भुगतान सुनिश्चित किया जाय । राज्य के सभी कमांड कर्मियों को जल संसाधन विभाग में स्थायी समायोजन करते हुए उन्हें राज्य कर्मी की भांति सभी सुविधा प्रदान किया जाय । एनआईओएस प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण पूर्ण होने की तिथि से प्रशिक्षित मानते हुए प्रशिक्षित का वेतन दिया जाय।
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