7 मई का दिन कोसी और मिथिलांचल के रेल इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया। जहां 88 साल बाद फिर से कोसी और मिथिलांचल के बीच सीधी रेल सेवा बहाल हो गई। शनिवार की दोपहर 2:10 बजे भारत सरकार के रेल, संचार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नई दिल्ली से ही हरी झंडी दिखाकर झंझारपुर-सहरसा डेमू ट्रेन संख्या 05553 को रवाना किया। दिन के 2:10 बजे झंझारपुर से खुली ट्रेन झंझारपुर और सहरसा के बीच अवस्थित कुल 21 स्टेशन और होल्ट पर रुकते-खुलते 3:30 घंटे बाद शाम के 5:40 बजे सहरसा स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 5 पर ट्रेन पहुंची। जहां ट्रेन के पहुंचने पर लोगों ने खुशी जाहिर की। ट्रेन के झंझारपुर से सहरसा के लिए खुलते ही वहां मौजूद लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया। उक्त ट्रेन को दरभंगा मुख्यालय के लोको पायलट मनोज कुमार यादव एवं सहायक लोको पायलट छोटू कामत और गार्ड नवीन कुमार उज्जवल लेकर सहरसा पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि सभी स्टेशनों पर लोग काफी खुश थे। सभी स्टेशनों पर ट्रेन के स्वागत के लिए सैकड़ों लोग मौजूद थे। काफी अच्छा लगा मिथिलांचल के मिलन का गवाह बनते हुए।
1934 के बाद से बंद हो गई थी रेल सेवाएं
बता दें कि वर्ष 1934 ई. में आई प्रलयंकारी भूकंप के बाद निर्मली सरायगढ़ के बीच सीधी रेल सेवा बंद हो गयी थी। जिसे फिर से बहाल करने में लगभग 9 दशक का समय लग गया। इन 9 दशकों में जहां मिथिलांचल दो हिस्सों में अलग-थलग रहा। वहीं, दोनों के बीच रोटी-बेटी का संबंध भी लगभग पूरी तरह टूट गया था। लेकिन अथक प्रयास बाद जब कोसी नदी में रेल और सड़क महासेतू का निर्माण संभव हो सका तो फिर से रेल ने मिथिलांचल के संबंध की डोर को और मजबूत कर दिया है।
कौन-कौन रहे स्टेशन पर मौजूद
झंझारपुर रेलवे स्टेशन पर बिहार सरकार के ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, झंझारपुर सांसद रामप्रीत मंडल, सुपौल सांसद दिलेश्वर कामत, मधेपुरा सांसद दिनेश चंद्र यादव एवं झंझारपुर विधायक नीतीश मिश्रा, समस्तीपुर मंडल के रेल प्रबंधक आलोक अग्रवाल सहित रेलवे के अधिकारी मौजूद थे।
‘अब दरभंगा-सरहसा की समस्या हो गई खत्म’
सहरसा से झंझारपुर बस से पहुंचे गांधी पथ निवासी शाहिद दिन नसीम ने बताया कि वे झंझारपुर पहुंचकर 88 साल बाद सहरसा से खुलने वाली ट्रेन पर बैठकर इतिहास का गवाह बने हैं। जिसके लिए वे सुबह झंझारपुर बस से गए थे। काफी अच्छा लगा। अब दरभंगा-सहरसा के बीच आने-जाने की समस्या पूरी तरह हल हो गई है। कुछ दिक्कतों को छोड़ दें तो सब कुछ काफी अच्छा है। वहीं, इतिहास के गवाह बनने के इच्छुक दरभंगा जिले के लहेरियासराय निवासी कुमोद कुमार कर्ण अपना झंझारपुर से सहरसा का रेल टिकट दिखाते हुए बताया कि वे दरभंगा के लहेरियासराय से झंझारपुर पहुंचे थे। जहां वे ट्रेन का टिकट कटाया। फिर ऐतिहासिक ट्रेन में सहरसा तक का सफर पूरा किया है। काफी अच्छा लगा। बहुत अच्छा अनुभव हुआ। सबसे पहले मिथिलांचल का कोसी और सीमांचल के मिलन की पुनरावृति हुई है। धन्यवाद देते हैं रेलवे विभाग और भारत सरकार को जो मिथिलांचल को कोसी और सीमांचल से जोड़ने का कार्य किया है। झंझारपुर से 25 रुपए का टिकट सहरसा के लिए कटा है। क्योंकि आज ओपनिंग थी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.