शहर से सट कर बह रही 1960 के दशक से मृतप्राय तिलाबे नदी के जीर्णोद्धार की योजना पर काम शुरू हो चुका है। जल संसाधन विभाग द्वारा 54 किलोमीटर लंबी मृतप्राय तिलाबे नदी के जीर्णोद्धार हेतु सर्वे एवं डीपीआर बनाने का आदेश दे दिया गया। इस नदी के जीवित हो जाने और इसका चैनल खुल जाने के बाद सबसे अधिक फायदा शहरवासियों को होगा। बरसात के दिनों में शहरी क्षेत्र में जल जमाव की विकट होने वाली समस्याओं का स्थाई निदान हो जाएगा। जल जीवन हरियाली अभियान के तहत विकास भवन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने बताया कि तिलाबे नदी के पुनर्जीवित हो जाने से ना केवल शहरी क्षेत्र सहरसा से जल निकासी करने में सहूलियत होगी बल्कि 6 प्रखंड के 24 पंचायत के किसान लाभान्वित होंगे। सहरसा शहर के पानी को ड्रेनेज के माध्यम से तिलाबे में गिराया जाएगा। इसके लिए जगह-जगह अतिक्रमित तिलाबे को मुक्त किया जाएगा।
जन जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया
जल संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही संस्था आदर्श लोक कल्याण संस्थान के तत्वाधान में जल प्रहरी मनोहर मानव के नेतृत्व में सोमवार को जिले में जन जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। जल प्रहरी मनोहर माधव ने जिले के कई विभागों के वरीय अधिकारियों से संवाद स्थापित किया और कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आयोजित संवाद कार्यक्रम में संस्था के लोगों के साथ-साथ जिले के वरीय अधिकारियों एवं जीविका दीदी उपस्थित थी। डीएम ने बारिश के पानी को अमृत जल बताते हुए कहा कि इसे संरक्षित करने के लिए छत जल संचयन सहित अन्य योजनाओं पर कार्य चल रहा है। लेकिन बारिश का अमृत पानी शहरवासियों के लिए तीन चार महीना अभिशाप बन जाता है। इससे मुक्ति मिलेगी।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत 5 पंचायतों में जलकुंभी हटाने का काम शुरू
मनरेगा के माध्यम से जिले के पांच पंचायतों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत जलकुंभी हटाने का काम शुरू हुआ है। जलकुंभी को आक्रामक प्लांट बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें बहुत ही तीव्र गति से फैलाव होता है। साथ ही जलकुंभी जहां फैल जाता है वहां जलीय जीवन समाप्त हो जाता है। उन्होंने बताया कि जलकुंभी में फाइबर बहुत अधिक मात्रा मेें पाया जाता है इसका प्रसंस्करण कर कई प्रकार के उत्पाद बनाए जाने की योजना है। साथ ही जल संचयन क्षेत्र के जलकुंभी से मुक्त होने पर मछली, मखाना सहित अन्य चीजों की खेती होगी।
जल संचयन क्षेत्र को चिह्नित कर अतिक्रमण मुक्त कराया जाय
अपने संबोधन में जल प्रहरी मनोहर मानव ने जिला प्रशासन द्वारा जल संचयन के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की तारीफ करते हुए डीएम से अनुरोध किया कि जिले के जल संचयन क्षेत्र को चिह्नित कर अतिक्रमण मुक्त कराया जाय। उन्होंने कहा कि कोसी इलाके में जल संरक्षण के क्षेत्र में आवश्यक सुझाव दें जिसे सरकार के सामने रखा जा सके। बाद में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए मनोहर मानव ने कहा कि संवाद यात्रा के दौरान पर्यावरण के संरक्षण को लेकर आमजनों से संवाद स्थापित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जल जीवन हरियाली योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक काम है जिसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। जल जीवन हरियाली योजना को सफल बनाने के लिए राज्य के साथ समाज की व्यापक सहभागिता को लेकर यह संवाद यात्रा निकाली गई है। संवाद कार्यक्रम में कार्यक्रम में वन प्रमंडल पदाधिकारी रमेन्द्र कुमार सिन्हा, जिला शिक्षा पदाधिकारी जय शंकर प्रसाद ठाकुर सहित कई अन्य विभागों के वरीय अधिकारी उपस्थित हुए।
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