सिमरीबख्तियारपुर एवं सलखुआ प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के भीतर बसी एक घनी आबादी दियारा इलाकों से आज भी लोगों को बाजार व प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचने के लिए नावों का ही सहारा लेना पड़ता है। सलखुआ प्रखंड के चार पंचायत कबीरा, चानन, अलानी एवं साम्हरखुर्द एवं सिमरीबख्तियारपुर प्रखंड के चार पंचायत धनुपरा, कठडूमर, घोघसम एवं बेलवाड़ा पंचायत के दर्जनों गांव की लाखों की आबादी सरकार के विकास की पोल खोल रहा है। इन क्षेत्र के लोगों के लिए नाव ही नदी पार करने का एक मात्र साधन है। लोग कोसी नदी में पुल की मांग वर्षों से करते आ रहे हैं। कोसी फरकिया वासियों की मांगे आज तक पूरी नहीं हो सकी है। नदी पार करने की परेशानी से लोग अपने बच्चे को बेहतर शिक्षा नहीं दिला पाते हैं। तटबंध के भीतर दुरूह आगमन व नदी के खाैफ से ग्रामवासी चाहकर भी प्रतिदिन प्रखंड मुख्यालय आने से कतराते हैं। इस स्थिति में फरकिया इलाके में स्वास्थ्य, शिक्षा, शुद्ध पेयजल एवं कोसी नदी में पुल की परिकल्पना बेमानी साबित हो रही है। इतना ही नहीं तटबंध के भीतर बसे दोनों प्रखंड के दर्जन से अधिक गांव ऐसे हैं जहां जाने के लिए नाव ही एक मात्र सहारा है। कोसी नदी के कड़हारा, पहलवान, पिपरा- बगेवा, डेंगराही समेत अन्य कोसी नदी घाट पर ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर नाव से आवाजाही करते हैं । वहीं लग्जरी वाहन को भी नाव के सहारे नदी पार करते हैं। जिससे हर वक्त हादसे की आशंका बनी रहती है। कबीरा निवासी अर्जुन यादव, रामभरोश महतो, पवन यादव, शिक्षक नरेश पासवान, प्रमोद सिंह, रामविलाश भगत, मनोज भगत, लक्ष्मी यादव, कामाथान निवासी सुलतान सिंह आदि कहते हैं कि कोसी फरकियावासी हमेशा से ही उपेक्षित रहे हैं। इस क्षेत्र में कोसी नदी में पुल का अभाव है।
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