सुप्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक और पंजाब कृषि विवि (पीएयू) के पूर्व कुलपति पद्म श्री डॉ. बी एस ढिल्लों ने पूसा स्थित बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया (बीसा) का भ्रमण किया। पूर्व कुलपति ने अपने भ्रमण के दौरान फार्म के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं बीसा के प्रभारी डॉ. राजकुमार जाट एवं अन्य वैज्ञानिकों से फसलों के अनुसंधान के विषय पर काफी देर बातचीत कर वहां की गतिविधियों को जाना। उन्होंने यहां के वैज्ञानिकों व उनकी टीम के साथ कृषि के शोध व उसकी गतिविधियों पर चर्चा करते हुए उन्हें कई सारे सुझाव भी दिए। उन्होंने बीसा परिसर में प्रयोग किए जा रहे जीरो टिलेज विधि, अंतरफसलीकरण विधि से लगाएं गए आलू-मक्का की खेती, पराली पर आलू की बुआई, पराली प्रबंधन, कृषि में ड्रोन तकनीक की उपयोगिता, कृषि संसाधनों के संरक्षण एवं बेहतर उपज को लेकर किए जा रहे शोध कार्य आदि को देखकर यहां के वैज्ञानिकों की काफी प्रसंशा की। इस अवसर पर उन्होंने मौसम के बदलते परिवेश में मक्का में स्थिरता एवं गेहूं में जल्दी परिपक्क्ता को प्राथमिकता से अपनाने पर बल दिया। इस अवसर पर बीसा के हेड डाॅ. राजकुमार जाट ने कहा कि डाॅ.ढ़िल्लो के द्वारा बीसा प्रक्षेत्र का भ्रमण किये जाने से यहां के वैज्ञानिको को नए और अभिनव विचारो को सीखने का बेहतर अवसर मिलेगा। बता दें कि डॉ. ढिल्लों को विज्ञानं और अभियांत्रिकी की श्रेणी में भारत सरकार के द्वारा चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार यानी पदम श्री से वर्ष 2019 में सम्मानित किया गया था। डॉ. ढिल्लो के बीसा भ्रमण के दौरान डाॅ.राजेश रेड्डी, अर्पित गौड़, आईएआरआई के अध्यक्ष डाॅ. केके सिंह आदि मौजूद थे।
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