प्रखंड में शनिवार को एक अभूतपूर्व कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एक साथ 56 विधालय में सदन चला और आपसी विचार विमर्श के बाद बच्चों ने कई प्रस्तावों को पारित कर विधेयक बना दिया।प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में हुए इस प्रयोग ने भविष्य के अनेक स्वर्णिम द्वार खोल दिये। बाल संसद की बैठक का अद्भुत नजारा आज प्रखंड के कुल 56 विद्यालयों में दिखाई पड़ा।वैसे सरकारी निर्देशानुसार हर शैक्षिक सत्र में बाल संसद का गठन होता है और बाल संसद के लिए चयनित समूचा मंत्रिमंडल अपने और विद्यालय के हित में हर महीने बैठकें करता है।परंतु यह पहला अवसर था,जब एक साथ सभी विद्यालयों में बाल संसदों की ओर से सदन का संचालन किया गया।बीते हफ्ते प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मंजु सिंह ने बाल संसद को सुनियोजित और सक्रिय करने के उद्देश्य से इस प्रकार का निर्देश जारी किया था।
शनिवार को बच्चों ने अपनी इच्छाओं एवं आवश्यकताओं के अनुरूप बाल संसदों के सदन का संचालन किया।मध्य विद्यालय , रसलपुर में बाल संसद के सदस्यों के बैठने की विशेष व्यवस्था की गयी थी।देश की संसद की तरह गोलमेज बनायी गयी थी।प्रधानमंत्री ऋषिराज प्रसाद यादव की अध्यक्षता में समूचे मंत्रिमंडल के सदस्यों ने अपने पदों के अनुरूप अपनी कार्य योजना बनायी,उसे प्रस्तावित किया और सदन ने उस पर मुहर लगायी।बाल संसद के प्रभारी राजू दास के अतिरिक्त प्रधानाध्यापक अमित कुमार सिंह एवं शिक्षक धनवंत कुमार सिंह, अरुण कुमार, वीनू कुमारी,सुमन कुमारी, नरेंद्र कुमार, ममता कुमारी, ब्रजेश नारायण यादव , अशोक सहनी आदि इस अवसर पर मौजूद थे।प्रखंड शिक्षा कार्यालय की ओर से इस बैठक में शामिल बीआरपी राजीव कुमार वर्मा,अश्विनी कुमार पंडित एवं लेखापाल योगेश कुमार ने बाल संसद की उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों में संसदीय प्रणाली के ज्ञान का विकास होगा और वे देश की राजनीति में मर्यादित संस्कार की अहमियत समझ सकेंगे।
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