पशुओं के उपचार के लिए प्रखंड में पशु अस्पताल है। लेकिन यहां न ही डाॅक्टर हैं न दवा मिलती है। जिसका नतिजा है कि प्रखंड के ग्रामीण इलाके के लोगों को झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे पशु का उपचार कराना पड़ता है। जिससे पशु पालक दोहन के शिकार हो रहे हैं। शिवाजी नगर प्रखंड के बनधार पशु अस्पताल के चिकित्सक प्रभार में हैं। वह कभ्ही कभार यहां पहुंचे हैं। बिथान प्रखंड कृषि कार्य पर निर्भर रहने वाला क्षेत्र हैं यहां किसानों के पास गाय एवं भैंस उपलब्ध है गरीब बस्तियों में भारी मात्रा में बकरी पालन होता है। पशु अस्पताल में 20 में से मात्र दो तरह की दवा उपलब्ध है । प्रखंड मुख्यालय स्थित पशु अस्पताल दबाव व चिकित्सक नहीं होने से काफी कठिनाई की सामना करना पड़ता है। चिकित्सक एवं दवा के संबंध में पूछे जाने पर अस्पताल के डाटा एंट्री ऑपरेटर कर्मचारी ने अस्पताल में दवा उपलब्धता के संदर्भ में बताया कि करीब 10 माह से दवा की कमी बनी हुई है। पशुओं का कृमि नाशक एवं कीटॉसिस चमोकन मारने वाली दवा ही उपलब्ध है ।
जो जरूरतमंद पशुपालक को दी जा रही है । उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 20 तरह की दवा का अस्पताल में उपलब्ध कराई जाती है। जिसमें से अभी दो तरह की दवा ही उपलब्ध है। प्रथम वर्गीय पशु अस्पताल बिथान में पशुओं के इलाज के लिए एक भी दवा उपलब्ध नहीं है। इससे पशुपालक से प्रतिदिन कोप भाजन का शिकार होना पड़ता है । प्रखंड पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शंभू शरण गुप्ता ने बताया कि पशु के दवा की आपूर्ति सीधे सचिवालय स्तर से किया जाता है। इस कारण दवा कब तक उपलब्ध होगी इसकी जानकारी प्रखंड स्तर पर नहीं रहती है। उन्होंने बताया कि शिवाजी नगर प्रखंड के बंनधार पशु चिकित्सालय प्रतिनियुक्त रह कर भी सप्ताह में 2 दिन बिथान में समय देते हैं।
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