समस्तीपुर सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कर्मी के द्वारा शव देने के नाम पर 50 हजार रुपये रिश्वत मांगने और पीड़ित परिजन के भीख मांगने की खबर दिखाए जाने के बाद प्रशासन हरकत में आई है। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जांच के निर्देश दिए थे। लेकिन 24 घंटे बीतने बाद भी जांच पूरी नही हो सकी है।
इस मामले में प्रभारी डीएम विनय कुमार राय का बताना है, कि इस मामले को लेकर जांच कमिटी के द्वारा कर्मी से गहनता से पूछताछ की गई है। वहीं पीड़ित परिजन से संपर्क कर उनका मंतव्य लेने का प्रयास किया जा रहा है। वही ताजपुर थाना के कस्बे आहार गांव के महेश ठाकुर के 25 वर्षीय पुत्र संजीव ठाकुर 25 मई से लापता हो गया था। 7 जून को मुसरीघरारी पुलिस ने उसका शव बरामद किया था और पोस्टमार्टम के लिए समस्तीपुर भेज दिया था।
इसके बाद इसकी जानकारी उसके परिजनों को मिली परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर अपने पुत्र के सब को पहचाना जिसके बाद सब मांगा तो पोस्टमार्टम करने में उसे 50 हजार रुपए का मांग किया। पीड़ित पिता ने अपने पुत्र के शव के लिए गांव में भिक्षाटन करने लगे जिसके बाद भिक्षाटन करते हुए वीडियो वायरल हो गया था जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ लिया। बतादे की पोस्टमार्टम कर्मी पहले भी ऐसा कर चुका है।
उसका पोस्टमॉर्टम करने और रिपोर्ट बनवाने के नाम पर 35 सौ रुपए मांगने का वीडियो भी एक महीने पहले आया था। उसी मामले में अब उक्त पोस्टमार्टम कर्मी नागेंद्र मालिक को निलंबित किया गया है। प्रभारी डीएम विनय कुमार राय का बताना है की पोस्टमार्टम कर्मी को एक महीने पूर्व के वायरल वीडियो मामला जिसकी जांच सिविल सर्जन के द्वारा सौंपी गई थी उस मामले में उससे निलंबित किया गया है।
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