आपसी सुलह और समझौते के आधार पर मामलों के निष्पादन से समाज में एक अच्छा संदेश जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालत का भी उद्देश्य यही है कि लोगों को सरल और सस्ता न्याय मिले। यह बातें न्याय सदन में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन के अवसर पर जिला जज रामलाल शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों के निष्पादन के लिए बेंच सात बेंच का गठन किया गया है। बेंच में न्यायिक पदाधिकारी से लेकर अधिवक्ता तक शामिल है। इस लोक अदालत में निपटाए गए मामलों में कहीं अपील भी नहीं होती है। ऐसे में लोगों को अधिक से अधिक संख्या में आकर लोक अदालत को सफल करने की जरूरत है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव नूर सुल्ताना ने कहा कि इस तरह के आयोजन से लोगों को काफी सहूलियत होती है।
शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को एक ही छत के नीचे सभी तरह का न्याय मिल जाता है ।लोगों को राष्ट्रीय लोक अदालत का बेसब्री से इंतजार रहता है। उन्होंने कहा कि खुशहाली से जीवन जीने के लिए सुलह समझौते के आधार पर विवाद को हल करने की जरूरत है। विवाद किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। विवाद से विकास कार्य रुक जाता है। ऐसे में लोगों को आपस में मिलजुल कर रहने की जरूरत है ।राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 1260 मामलों का निपटारा आपसी सुलह समझौते के आधार पर किया गया। इनमें सबसे अधिक बैंक व बीएसएनल से संबंधित आ मामलों का निपटारा किया गया। 381 मामले कोर्ट से संबंधित थे। राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला विधि प्राधिकार की सचिव नूर सुल्ताना,एडीजे अनुराग त्रिपाठी व अन्य न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित थे
एसबीआई के आरएम के प्रयासों की सराहना
लगभग 10 वर्षों से लोन संबंधी मामलों को लेकर कोर्ट व बैंक का चक्कर लगा रहे डोरीगंज के एक गरीब परिवार के चेहरे पर एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक संजीत कुमार के सहयोग से मुस्कान आयी। 10 साल पहले एक महिला ने ट्रैक्टर खरीदने के लिए एसबीआई से लोन ले थी परंतु आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह डिफॉल्टर हो गई ।कुछ समय बाद महिला का देहांत हो गया ।इसके बाद लोन की रकम बढ़ती चली गई। शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में उनकी बहू पहुंची और आरएम से अनुनय विनय करने लगे इसके बाद आरएम व चीफ मैनेजर संजय कुमार ने उसे रियायत दी, जिसके बाद उसक गया महिलाओं ने कहा कि एसबीआई ने उन्हें और सम्मान के साथ जीने का मौका दिया है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.