वैसे तो रेल यात्रा अपने विभिन्न आयाम और पहलुओं के लिए चर्चित रहा है। लेकिन रेल यात्री के रूप में देवी देवता जब रेल का यात्रा करने लगे तो मामला और रोमांचक हो जाता है। इसी तरह का कुछ नजारा छपरा जंक्शन स्टेशन पर देखने को मिला। जहां दर्जनों की संख्या में विद्या की देवी सरस्वती ट्रेन में यात्रा करते हुए देखी गईं।
अमूमन अभी तक इंसानों को रेल यात्री के रूप में यात्रा करते हुए देखा जाता रहा है। लेकिन बुधवार और बृहस्पतिवार को छपरा जंक्शन पर कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला। छपरा जंक्शन से विभिन्न ट्रेनों से श्रद्धालु सरस्वती माता के मूर्ति ले जा रहे थे। छपरा से दर्जनों की संख्या में मूर्ति छात्रों द्वारा ले जाया जा रहा है। 26 जनवरी को एक साथ गणतंत्र दिवस और सरस्वती पूजा होने के चलते पूजन को लेकर धूम है।
छपरा का श्यामचक इको फ्रेंडली मृर्ति निर्माण के लिए है प्रसिद्ध
छपरा का श्यामचक मूर्ति निर्माण के लिए पूरे बिहार में प्रसिद्ध है। यहां की बनी मूर्तियां पड़ोसी राय उत्तरप्रदेश सहित कई जगहों पर जाती है। गुरुवार को सरस्वती पूजा होने के चलते बुधवार को श्रद्धालु मूर्तियों का खरीददारी कर अलग अलग जगहों पर ले जा रहे है। इसी क्रम में बलिया और सिवान थाना अन्य रेल मार्गों वाले जगहों पर ट्रेनों के माध्यम से ले जाया जाता है।
दो वर्षों के बाद सार्वजनिक पूजन से लोगों के हैं उत्साह
कोरोना काल मे सार्वजनिक तौर पर पूजा नही किये से दो वर्षों बाद पूजा होने पर लोगों मे ख़ासा उत्साह देखने को मिल रहा है। सभी वर्ग के लोग सरस्वती पूजन समारोह धूमधाम से बना रहे है। छपरा में मुख्यालय से बने मूर्तियों को लेकर लोग दूर दूर तक जा रहे है। इसी क्रम में रेल मार्ग द्वारा भी श्रद्धालुओं द्वारा मूर्ति ले जाया जा रहा है। विद्या की देवी सरस्वती देवी द्वारा रेल यात्रा किये जाना चर्चा का विषय बना हुआ है।
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