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पुलिस ने भट्ठियां तोड़ीं, शराब बची:भास्कर ने 30KM की तफ्तीश में ढूंढ निकाला 1000 लीटर रॉ मैटेरियल, बनती 5000 लीटर कच्ची शराब

सारण से धनंजय सिंह तोमर की रिपोर्ट6 महीने पहले
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सारण शराब कांड में दैनिक भास्कर की इंवेस्टिगेशन में बड़ा खुलासा हुआ है। लगातार 3 दिनों तक 30 किलोमीटर एरिया के संदिग्ध स्थानों पर पुलिस के पैरलल इंवेस्टिगेशन चौंकाने वाला सच सामने आया है। पुलिस ऑपरेशन क्लीन के तहत सारण को शराब मुक्त करने का दावा कर रही है, जबकि शराब बनाने का मैटेरियल जमीन के नीचे ही दबा रह जा रहा है।

मुफस्सिल थाना से लगभग 7 किलोमीटर दूर जहां पुलिस की छापेमारी हो चुकी थी। वहां दो स्पॉट से 4 फीट नीचे गड्‌ढे में छिपाकर रखे गए 1000 लीटर से अधिक रॉ मैटेरियल (फॉस) को बरामद किया है, जिससे 5 हजार लीटर कच्ची शराब तैयार की जा सकती थी। जानिए किस तरह भास्कर की पैरलल इंवेस्टिगेशन में शराब कांड में बड़ा खुलासा हुआ है….

शराब बनाने के मैटेरियल के ऊपर रखी थी घास।
शराब बनाने के मैटेरियल के ऊपर रखी थी घास।

पहले जानिए पुलिस का दावा
शराब कांड में मौत का आंकड़ा बढ़ते ही पुलिस और उत्पाद विभाग के जॉइंट ऑपरेशन में पूरा जिला छान मारने का दावा किया गया। पुलिस के आला अफसरों ने दावा किया कि सारण का चप्पा-चप्पा छान लिया गया, ऑपरेशन क्लीन के तहत पूरा इलाका शराब से मुक्त करा दिया गया। पुलिस के दावों में छापेमारी और गिरफ्तारी का भी आंकड़ा रिकॉर्ड तोड़ने वाला है।

फिर शुरू हुई भास्कर की इंवेस्टिगेशन
पुलिस की इस इंवेस्टिगेशन के बाद भास्कर ने भी पैरलल इंवेस्टिगेशन किया। भास्कर की टीम ने सारण के 30 किलोमीटर इलाके में संदिग्ध स्थानों में लगातार 3 दिनों तक पड़ताल की है। इसमें शरख, ईशुआपुर, अमनौर, तरैया, परसा, मढ़ौरा और बनियापुर के साथ सदर प्रखंड के कई स्पॉट का इंवेस्टिगेशन किया।

टूटी शराब भटि्टयां।
टूटी शराब भटि्टयां।

भास्कर की इंवेस्टिगेशन में पाया गया कि पुलिस और उत्पाद विभाग के जॉइंट ऑपरेशन में एक दर्जन से अधिक शराब की भट्ठियां को तोड़ा गया है। भट्ठियां टूटी पड़ी हैं, आस पास का इलाके को पुलिस ने पूरी तरह से साफ कर दिया है। पड़ताल के दौरान जब भास्कर की टीम सदर प्रखंड के मुफस्सिल थाना से लगभग 7 किलोमीटर पर स्थित घोष कॉलोनी पहुंची तो यहां खेत का निचला हिस्सा मिला जाे पानी से डूबा रहता है।

इसी खेत में 6 बड़ी भट्ठियां टूटी दिखीं। मिट्‌टी का बड़ा टीला बनाकर उसपर शराब की भट्‌ठी तैयार की गई थी। पुलिस ने भट्ठियों का ऊपरी हिस्सा तोड़ दिया था, लेकिन भट्‌ठी में ईंट की स्थिति और मिट्‌टी को देख ऐसा लग कि यहां कच्ची शराब बनाने का कुटीर उद्योग चल रहा था।

भास्कर की टीम को भट्ठियों की संख्या और आस-पास के भौगोलिक स्थिति को देख कर यह अंदाजा लग गया था कि इसी क्षेत्र से शराब की बड़ी खेप तैयार की जाती रही होगी। टीम ने भट्ठियों के आस पास जब पड़ताल करनी शुरू की तो 12 से अधिक स्पॉट पर बड़े बड़े गड्‌ढे दिखाई पड़े। दो जगह 5-5 सौ लीटर शराब बनाने का मैटेरियल प्लास्टिक के बैग में काफी सुरक्षित तरीके से रखा गया था।

इसी प्लास्टिक बैग में जमीन के नीचे रखा गया था शराब बनाने का मैटेरियल।
इसी प्लास्टिक बैग में जमीन के नीचे रखा गया था शराब बनाने का मैटेरियल।

जानिए, कैसे जमीन के अंदर रखा गया था मैटेरियल
घोष कॉलोनी में पानी वाले निचले खेत में दो गड्‌ढों में लगभग 1000 लीटर शराब बनाने का मैटेरियल छिपाकर रखा गया था। इसे काफी सुरक्षित ढंग से रखा गया था। दोनों गड्‌ढे लगभग 4 फीट गहरा और 6 फीट लंबे थे, जबकि चौड़ाई 5 फीट रही। गड्‌ढों के ऊपर से घास वाली मिट्‌टी डाल दी गई थी। घास चकमा देने के लिए डाला गया था, जिससे किसी को पता ही नहीं चले। सूत्रों की मानें तो पुलिस के शांत होते ही फिर शराब बनाने की तैयारी थी।

इन दोनों स्पॉट से मिले लगभग 1000 लीटर मैटेरियल से 5 हजार लीटर तक कच्ची शराब तैयार की जा सकती थी। बताया जा रहा है कि इस मैटेरियल को भट्‌ठी पर चढ़ाया जाता है, इससे जो भांप निकलता है। उसे स्टोर किया जाता है। इस भांप से बने पानी में स्प्रीट मिलाया जाता है, जिसके बाद सप्लाई कर दी जाती है। इसी स्पॉट पर भट्‌ठी से शराब बनाने के बाद सप्लाई की जाती थी और फिर अलग अलग स्थानों पर बेचा जाता था।

गड्‌ढे से पैकिंग का प्लास्टिक भी मिला
साढ़ा घोष कॉलोनी में भास्कर की इंवेस्टिगेशन में यह भी खुलासा हुआ है कि यहां से शराब की दो से पांच लीटर की पैकिंग होती थी। गड्‌ढे से दो और पांच लीटर के प्लास्टिक भी मिले हैं। 50 से अधिक संख्या में इस प्लास्टिक को देखकर लगा कि यहां से ही शराब की पैकिंग बनाकर सप्लाई की जाती थी। साढ़ा घोष कॉलोनी से ही सारण के अलग अलग क्षेत्रों में शराब का पैकेट जाता था, फिर उसका 100-100 एमएल का पैकेट व टेट्रा पैक बनाया जाता था।