छपरा में अवतारनगर सरयु नदी के किनारे पुलिस ड्रोन से शराब कारोबारियों के खिलाफ अभियान चला रही थी। इसी दौरान कैमरे कुछ ऐसी तस्वीरे रिकॉर्ड हुई जो काफी संदिग्ध लग रही थी। इस जगह को चिन्हित करके जब उत्पाद विभाग की टीम पहुंची तो वहा का नजारा देखकर आश्चर्यचकित हो गए। अवैध देशी शराब कारोबारियों ने नदी के पानी के अंदर बांस गाड़कर उसके सहारे पॉलीथिन से बनी बड़ी-बड़ी थैलियों में शराब बनाने का पाश छुपाकर रखा था।
एक एक थैली में लगभग 1000 लीटर के आसपास शराब और शराब बनाने का कच्चा सामग्री भरा हुआ था। आमतौर पर इस विधि से नदी के अंदर मछली पकड़ा जाता है। लेकिन तस्करी के तरीका को देख सभी लोग आश्चर्यचकित हो गए। लेकिन इस जगह से बजाय मछ्ली के शराब बनाने का सामान नदी के अंदर से बरामद हुआ।
बांसा बिधि से मछली को पकड़ा तथा पानी मे जीवित रखा जाता है
बताते चले कि शराब करोबारी ने बांसा बिधि का उपाय कर उत्पाद विभाग के ड्रोन और कर्मचारियों को भ्रमित करने के लिए किया था। बांसा बिधि के अनुसार नदी के पानी मे बांस को गाड़ बांस के सहारे पानी के अंदर जाल बंधा जाता है जिसे सामान्य तौर पर आरसी कहते है। ऊपर से मछलियों को लुभाने के लिए दाना बंधा गया होता है। इसी बिधि के मछली के बदले शराब कारोबारी शराब के भंडारण कर रहे थे।
शराब कारोबारियों द्वारा बहुत ही बड़ी तादाद में इस तरह के पॉलीथिन थैलों को नदी के पानी की अंदर छुपाया गया था।उत्पाद कर्मियों ने ऐसे सभी थैलों को नष्ट कर दिया।इसके साथ साथ दर्जनों भट्टियो को भी उत्पादकर्मियो ने नष्ट किया।
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