सीता नवमी के शुभ अवसर पर मंगलवार के देर रात्रि माता सीता का जन्म उत्सव बाबा बटेश्वर नाथ पंच मंदिर दौलतगंज गांधी विद्यालय के सामने धूमधाम से मनाया गया। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पुरुष महिलाएं बच्चों ने भाग लिया। इस अवसर पर माता सीता के जीवन पर प्रकाश डालते हुए शहर के जाने-माने समाजसेवी राजेश्वर कुंवर जी ने कहां राजा जनक अपने अभिमान को त्याग कर खेतों में हल चलाया तो बिहार के सीतामढ़ी जिला पुनौरा धाम पृथ्वी से उत्पन्न पुत्री के रूप में सीता मिली। भक्ति स्वरूप माता हमें तभी मिलेगी जब हम अपना अहंकार को समाप्त करेंगे।
वही प्रोफ़ेसर बाल्मीकिजी ने सीता माता के परम प्रिय पुत्र हनुमान जी के बारे में और हनुमान चालीसा की उत्पत्ति कैसे हुई इसकी जानकारी दी। आचार्य चंद्र भान त्रिपाठी और आचार्य पंडित ध्रुव कुमार मिश्र उर्फ मुन्ना बाबा ने वैदिक मंत्रोच्चारण के द्वारा माता सीता का जन्म उत्सव कराया। पूजन धर्म प्रचार प्रसार जिला प्रमुख अरुण पुरोहित और बजरंग दल के महासचिव लक्ष्मी नारायण गुप्ता ने किया।
मंच संचालन करते हुए अरुण पुरोहित ने माता सीता के जीवन से प्रेरणा लेते हुए कहा कि पतिव्रता धर्म के कारण माता बहन और बेटियां सनातन धर्म में देवी के रूप में पूजी जाती है। पति को परमेश्वर के रूप में मानते हुए वह सभी संकट को पार करती। जो दुख से घबरा जाए वह नहीं हिंद की नारी। महाबलशाली रावण अशोक वाटिका में जब जाता है तो एक तिनका उठाकर माता सीता पतिव्रता धर्म की रक्षा करती है। सनातन धर्म की धर्म ध्वजा को निरंतर समाज के मार्गदर्शक आचार्य चंद्रभान त्रिपाठी और ध्रुव कुमार मिश्र को अंग वस्त्र और माला पहनाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ हुआ और प्रसाद वितरण किया गया
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