भास्कर एक्सक्लूसिवजिनके परिजन शराब से मरे, उन्हें अफसर धमका रहे:शराब से मौत बताई तो केस करेंगे, कहो- ठंड से जान गई तो 4 लाख मुआवजा

सारण से शंभूनाथ की रिपोर्ट6 महीने पहले
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पोस्टमॉर्टम की क्या जरूरत है? अगर शराब से मौत निकली तब तो और फंसोगी ही न। चुपचाप अंतिम संस्कार कर दो। कोई पूछे तो ठंड से मौत बता देना। 4 लाख मुआवजा भी मिल जाएगा। शराब से मौत में तो न मुआवजा मिलेगा, न कोई मदद। उल्टा केस अलग हो जाएगा।

बिहार के छपरा में शराब से हुई मौत के मामले में परिजनों को सरकारी अफसर कमोबेश ऐसी ही भाषा में समझा रहे हैं। फिर चाहे वह बहरौली गांव की मुरावती देवी हों या हुस्सेपुर गांव का नरेंद्र सिंह। शब्दों में हेरफेर के साथ मकसद एक ही है कि कोई ये न कहे कि उसके परिजन की मौत शराब से हुई है।

इस समझाइश का नतीजा भी साफ दिखाई दे रहा है। सरकारी आंकड़ों में अब तक जहरीली शराब से 30 मौतें हुई हैं, जबकि दैनिक भास्कर टीम के पास 66 लोगों के नाम और पते हैं, जिनके रिश्तेदारों या परिजनों ने शराब से मरने की बात कही है। वैसे-ग्रामीणों और स्थानीय कर्मचारियों की मानें तो मरने वालों का आंकड़ा और भी ज्यादा है। भास्कर टीम ने प्रभावित इलाकों में दो दिन रहकर पूरे मामले की पड़ताल की। मृतकों के परिजनों से मिले। आइए, आप भी पढ़िए… कैसे अफसर शराब से मरने वालों के परिजनों को समझा रहे हैं:-

बिहार में छपरा के पास बहरौली गांव के चेंद्रेश्वर साह (45) की जहरीली शराब से बुधवार को मौत हो गई। पत्नी मुरावती कहती हैं- रात करीब 11 बजे वे सुन्न पड़ गए। सरकारी अस्पताल ले जाने लगे तो अफसरों ने रोक दिया। समझाया- पोस्टमॉर्टम की कोई जरूरत नहीं है। कोई पैसा-कौड़ी नहीं मिलेगा, जो भी क्रिया-कर्म करना है, कर दो। फिर हम क्या करते। गांव के पास रात में ही अंतिम संस्कार करा दिए।’

कुछ ऐसा ही अमनौर के हुस्सेपुर गांव के नरेंद्र सिंह के साथ हुआ। जहरीली शराब के कारण उन्होंने अपने भाई को खो दिया। भाई सुरेंद्र की बुधवार रात को मौत हो गई। नरेंद्र कहते हैं, ‘थाना के लोग आकर डराते हैं। एक आदमी से एक हजार रुपए भी ले लिए। कहते हैं ठंड से मौत बताकर मामला दबा दो, नहीं तो फंस जाओगे।’

यह बानगी है… बिहार की। जहरीली शराब बनाने और बेचने से रोकने में असफल सरकार बदनामी से बचने के लिए अब आंकड़े छुपाने में लगी है। पुलिस का मैदानी अमला शराब तस्करों को पकड़ने की बजाय जान गंवाने वालों के परिजनों को धमकाने में लगा है।

मुरावती देवी के पति की मौत जहरीली शराब से हो गई। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम से रोक दिया। सरकारी अस्पताल लाने ही नहीं दिया गया। रात में ही अंतिम संस्कार करा दिया।
मुरावती देवी के पति की मौत जहरीली शराब से हो गई। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम से रोक दिया। सरकारी अस्पताल लाने ही नहीं दिया गया। रात में ही अंतिम संस्कार करा दिया।

पुलिसवाले कहते हैं- शराब से मौत बताओगे तो योजनाओं का फायदा नहीं मिलेगा
मशरख तख्त में 2 लोगों की मौत हुई। यहां सबसे पहले मरने वालों में थे- चन्द्रिका राम (62) और गणेश राम (42)। चन्द्रिका राम के बेटे संतोष ने बताया- पिता का पोस्टमॉर्टम कराना चाहते थे, लेकिन अधिकारियों ने मना कर दिया। कहा- आप शव को घर लेकर जाइए। पोस्टमॉर्टम की जरूरत नहीं है।

धमकी के साथ कहीं-कहीं सरकारी सहायता का प्रलोभन भी दिया जा रहा है। पुलिसवाले कह रहे हैं- शराब से मौत बताओगे तो सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिलेगा। ठंड से मौत बताने पर 4 लाख रुपए मिलेंगे। गुरुवार को अमनौर थाने के सामने मृतक के परिवार वालों ने इसी दबाव के खिलाफ स्टेट हाईवे पर चक्काजाम कर दिया। परिवार का आरोप है कि पुलिस ठंड से मौत बताकर अंतिम संस्कार का दबाव बना रही है।

सरकारी आंकड़ों में मौतें 30, सच्चाई में आंकड़ा 65 पार
सरकारी आंकड़ों में अब तक जहरीली शराब से 30 मौतें हुई हैं। जिनका पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ, उन्हें इसमें शामिल नहीं किया जाता। ज्यादातर मौतें लोगों के घरों में और छपरा रेफर करने के दौरान हुईं। दर्जनों परिवार वालों ने डर कर अंतिम संस्कार कर दिया है। तीन दिन में दैनिक भास्कर ने जो आंकड़ा जुटाया है, उसमें 59 लोगों के नाम और पते मिले हैं। मरने वालों का आंकड़ा 65 से ज्यादा है। इनमें सीवान में 5 और बेगूसराय में एक की मौत शामिल है।

मौत की जमीनी हकीकत जानने भास्कर की टीम बहरौली गांव पहुंची। सरकारी कागजों में यहां 12 मौतें हुई हैं, हकीकत में 16 लोग जान गंवा चुके हैं। चार शवों का अंतिम संस्कार पुलिस के दबाव में रातोंरात कर दिया गया। चेंद्रेश्वर साह के पड़ोस के तीन और लोग अनिल ठाकुर, दूधनाथ साह और चांद साह की भी मौत जहरीली शराब से हुई। अमनौर प्रखंड के हुसेपुर में बुधवार की सुबह तक 3 लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान उपेंद्र राम (40), उमेश राय (35) और वकील मियां (45) के रूप में हुई। इनके परिजन फिलहाल कुछ भी बताने से बच रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार तीनों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई।

बहरौली गांव में जहरीली शराब से 16 लोगों की मौतें हुई हैं। 6 से ज्यादा लोग सीरियस हैं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में सिर्फ 12 मौतें बताई गई हैं, इससे लोगों में गुस्सा है।
बहरौली गांव में जहरीली शराब से 16 लोगों की मौतें हुई हैं। 6 से ज्यादा लोग सीरियस हैं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में सिर्फ 12 मौतें बताई गई हैं, इससे लोगों में गुस्सा है।

ये तीन मुख्य वजहें हैं, जिसका डर बना रहे….

  1. 4 लाख का सरकारी मुआवजा: पुलिस गांव में निगरानी रख रही है। वे धमका रहे हैं कि अगर शराब पीने से मौत की बात बोलेंगे तो उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा। ठंड से मौत बताने से सरकारी मदद मिल सकती है। बिहार में ठंड से मौत पर 4 लाख मुआवजा मिलता है।
  2. पुलिस केस का डर: लोगों को डर है कि शराब की बात सामने आएगी तो पुलिस परेशान करेगी। केस हो सकता है। जहरीली शराब से जिनकी मौत हुई है, वे गरीब हैं। पुलिस उन्हें कार्रवाई का डर दिखा रही है। शराब पीने या घर में शराब मिलने पर मद्य निषेध कानून के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। इसमें परिजन पर भी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। पहली बार शराब पीने पर 2 हजार से लेकर 5 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। 30 दिन की सजा हो सकती है।
  3. परिवार बदनाम हो जाएगा: शराब से मौत की बात सामने आएगी तो परिवार बदनाम हो जाएगा। यह डर भी स्थानीय पुलिस लोगों को दिखा रही है। शव को अस्पताल लाने की बजाय सीधे अंतिम संस्कार करने के लिए कहा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अफसर भी इस बात को स्वीकार करते हैं। उनका दावा है कि सभी पंचायतों में डोर टु डोर सर्वे करके शराब से हुई मौत का आंकड़ा जुटाया जा रहा है।
बहरौली गांव में जहरीली शराब से परिवार के मुखिया चेंद्रेश्वर साह की मौत हो गई। पुलिस ने अंतिम संस्कार रात में ही बिना पोस्टमॉर्टम के ही कर दिया गया था।
बहरौली गांव में जहरीली शराब से परिवार के मुखिया चेंद्रेश्वर साह की मौत हो गई। पुलिस ने अंतिम संस्कार रात में ही बिना पोस्टमॉर्टम के ही कर दिया गया था।

48 घंटे में 60 से ज्यादा मरीज पहुंचे मशरख अस्पताल
14 और 15 दिसंबर को मशरख अस्पताल में सबसे ज्यादा मरीज पहुंचे। चिकित्सा पदाधिकारी गोपाल कृष्ण ने कहा- सोमवार शाम से गुरुवार तक लगभग 60 मरीज उनके पास पहुंचे थे। 4 की मौत यहां हुई। बाकी सभी को छपरा रेफर किया गया था। इनमें कई लोगों की रास्ते में ही मौत हो गई। इनका सही आंकड़ा किसी के पास नहीं हैं। हर घंटे 4-5 मरीज मशरख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राइवेट अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। इनमें से 1-2 की मौत छपरा सदर अस्पताल और पटना ले जाते समय हो रही है।

सारण जिले के एसपी संतोष कुमार ने भास्कर से कहा- किसी के परिजन पर कोई दबाव नहीं बनाया जा रहा है। सभी मृतकों का पोस्टमॉर्टम सारण सदर अस्पताल में कराया जा रहा है। इस संबंध में अभी तक किसी प्रकार की कोई शिकायत भी नहीं मिली है। अगर कोई शिकायत करेगा तो वे खुद इस मामले में कार्रवाई करेंगे।

आंकड़े छुपाने का यह खेल पुराना… 6 साल में सिर्फ 23 मौत
आंकड़े छुपाने का यह खेल पुराना है। 6 साल से शराबबंदी वाले बिहार में सरकारी रिकॉर्ड में जहरीली शराब से मात्र 23 मौतें दर्ज हैं। NCRB रिपोर्ट में 23 मौतों का जिक्र है जो स्थानीय पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर जारी की जाती है। यह आंकड़ा 2015 से 21 के बीच का है।

2016 में सिर्फ 9 मौत बताई गई, जबकि 15-16 अगस्त 2016 को अकेले गोपालगंज के खजूरबानी में 19 लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई थी। इसकी पुष्टि कोर्ट में हो गई थी। मामले में 5 मार्च 2021 को स्पेशल कोर्ट ने 13 लोगों को सजा भी सुनाई थी। पहली बार शराबकांड में 9 को फांसी की सजा सुनाई गई थी, जबकि 4 को उम्रकैद मिली। अकेले गोपालगंज में अब तक 36 की मौत जहरीली शराब से हुई है। पूर्व डिप्टी CM सुशील मोदी के अनुसार 6 साल में बिहार में 1 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

मुखिया ने कहा- मौत के लिए CM जिम्मेदार, दर्ज हो FIR
जिस बहरौली गांव में सबसे ज्यादा मौतें हुईं, वहां के मुखिया संदीप सिंह ने कहा- इसके लिए पूरी तरह सरकार जिम्मेदार है। नीतीश जी की जबरदस्ती की वजह से ये मौतें हो रही हैं। इस मामले में सीधे नीतीश कुमार पर FIR होनी चाहिए। वे लोगों को जहरीली शराब पीने के लिए मजबूर कर रहे हैं। आज भी बिहार में पुलिस की इतनी संख्या नहीं है कि हर जगह उसकी तैनाती की जाए। दारू पर सख्त कानून लाना चाहिए, ताकि इस पर काबू किया जा सके।

मुखिया संघ के अध्यक्ष बोले- थानेदार पर दर्ज हो हत्या का केस
मुखिया संघ के अध्यक्ष राजीव सिंह ने कहा- अधिकारियों की मिलीभगत से खुलेआम शराब का कारोबार हो रहा है। अमनौर थाना प्रभारी के संरक्षण में अवैध शराब का कारोबार चल रहा है। इतनी मौतों के लिए इन पर 302 का मुकदमा चलना चाहिए।

मरने वाले 65 लोगों की पूरी सूची…
1-विजेन्द्र राय पुत्र नरसिंह राय-डोइला,इसुआपुर
2-हरेंद्र राम पुत्र गणेश राम -मशरख तख्त,मशरख
3-रामजी साह पुत्र गोपाल साह -मशरख
4-अमित रंजन पुत्र दीवेद्र सिन्हा - डोइला इसुआपुर
5-संजय सिंह पुत्र वकील सिंह - डोइला,इसुआपुर
6-कुणाल सिंह पुत्र यदु सिंह-यदु मोड़ मशरख
7- अजय गिरी पुत्र सूरज गिरी-बहरौली,मशरख
8-मुकेश शर्मा पुत्र बच्चा शर्मा-मशरख
9-भरत राम पुत्र मोहर राम-मशरक तख्त
10-जयदेव सिंह पुत्र बिंदा सिंह-बेन छपरा, मशरख
11-मनोज राम पुत्र लालबाबू राम-दुरगौली, मशरख
12-मंगल राय पुत्र गुलजार राय, मशरख
13-नासिर हुसैन पुत्र शमसुद्दीन-मशरख
14-रमेश राम पुत्र कन्हैया राम,मशरख
15-चन्द्रमा राम पुत्र हेमराज राम-मशरख
16-विक्की महतो पुत्र सुरेश महतो- लालापुर मढ़ौरा
17-गोविंद राय पुत्र घिनावन राय-पचखंडा,मशरक
18-ललन राम पुत्र करीमन राम-मशरक पश्चिम टोला
19-प्रेमचंद साह पुत्र बुन्नीलाल साह-रामपुर अटौली, इसुआपुर
20-दिनेश ठाकुर पुत्र असर्फी ठाकुर-महुली,मशरक
21-सीताराम पुत्र सिपाही राय-बहरौली, मशरक
22-विश्वकर्मा पटेल पुत्र श्रीनाथ पटेल,बस स्टैंड,मशरख
23-जयप्रकाश सिंह पुत्र शशिभूषण सिंह-गोपालवाड़ी मशरख
24-सुरेन साह पुत्र जतन साह-घोघिया,मशरक
25- जतन साह पुत्र कृपाल साह-घोघिया,मशरक
26-विक्रम राज पुत्र स्व नारायण प्रसाद-खरौनी,मढ़ौरा
27-दशरथ महतो पुत्र केसर महतो-डोइला, इसुआपुर
28-चेंद्रेश्वर साह पुत्र भिखारी साह-बहरौली मशरख
29-जगलाल शाह पुत्र भरत साह -बहरौली मशरख
30-अनिल ठाकुर पुत्र परमा ठाकुर -बहरौली मशरख
31- एकराकुल हक पुत्र मकुसाद अंसारी -बहरौली मशरख
32-शैलेन्द्र राय पुत्र दिनदयाल राय -बहरौली मशरख
33-उमेश राय पुत्र शिव पूजन राय-अमनौर
34-उपेंद्र राय पुत्रअक्षय राय-अमनौर
35- रंगीला महतो उर्फ सुरेंद्र महतो पुत्र यमुना महतो -लालापुर मढ़ौरा
36-दूधनाथ तिवारी पुत्रमहावीर तिवारी- बहरौली मशरख
37-भरत साह पुत्र गोपाल साह -शास्त्री टोला मशरख
38-सालाऊदीन मियां पुत्र वकील मियां- अमनौर
39.सुरेंद सिंह पुत्र स्व.सच्चिदानंद सिंह -मणीसिरिया हुस्सेपुर अमनौर
40-जयनारायण राय पुत्र स्व जगन्नाथ राय -मणीसिरिया हुस्सेपुर अमनौर
41-हरेराम सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह-घोघिया मशरख
42-मोहन प्रसाद यादव पुत्र रामजतन प्रसाद-घोघिया मशरख
43-कन्हैया सिंह पुत्र रामलाल सिंह -गोपालबाड़ी मशरख
44-विक्की महतो पुत्र लालबाबू महतो-चहपुरा इसुआपुर
45-रमेश महतो पुत्र यमुना महतो- लालापुर मढ़ौरा
46-मुकेश राम पुत्र चंद्रिका राम-मणीसरिसिया अमनौर
47-वीरेंद्र राम पुत्र स्व. रूपन राम -डुमरी छपिया तरैया
48-नथुनी राम पुत्र स्व.वृक्षा राम -डुमरी छपिया तरैया
49-बृजेश कुमार राय पुत्र नगीना राय -बहरौली मशरख
50-चमचम साह पुत्र मथुरा साह-बहरौली मशरख
51-कमलेश साह पुत्र मथुरा साह -बहरौली मशरख
52-प्रेम तिवारी पुत्र सीताराम तिवारी- शास्त्री टोला मशरख
53- सूरज साह पुत्र मथुरा साह, बहरौली मशरख
54 - अभय गिरी पुत्र राजदेव गिरी सिसवां इसुआपुर
55- राकेश सिंह पुत्र भरत सिंह सिसवां इसुआपुर
56- मिथलेश कुमार पुत्र राजनाथ राय, सिसवां इसुआपुर
57 - हरिकिशोर राय पुत्र मोख्तार राय चकहन, इसुआपुर
58 - बलि सिंह पुत्र सुरन सिंह चकहन इसुआपुर
59 - मंजू देवी पति नन्हकू राय डोइला इसुआपुर

सीवान जिले में 4 मौतें

60- शंभू यादव(28) पुत्र बली यादव 61-अमीर मांझी (30) पुत्र फुलेना मांझी 62-अवध मांझी (28) पुत्र नरसिंग मांझी 63-राजेंद्र पंडित (30) राम अयोध्या पंडित 64-अभी एक का नाम सामने नहीं आया है।

बेगूसराय जिले में

65-घनश्याम पोद्दार (25) पुत्र चंद्र कुमार पोद्दार 66-संदीप पोद्दार (25) पुत्र विपिन पोद्दार

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