जिला व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम सह पास्को स्पेशल न्यायाधीश आशुतोष कुमार ने 14 वर्षीय बच्ची के अपहरण एवं दुष्कर्म के दोषी करार आरोपी अरविंद पासवान को पॉक्सो की धारा 6 के तहत 10 वर्ष कठोर कारावास के साथ 5 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनायी है। अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर 1 साल अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। भादवि की धारा 366 के तहत 5 वर्ष कारावास के साथ 5 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गयी। अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
पीड़िता को बिहार पीड़ित प्रतिकार अधिनियम के तहत सात लाख रुपया मुआवजा देने का आदेश दिया है। मामले में न्यायधीश रेशमा वर्मा ने 26 सितंबर 2016 को धारा 164 के तहत पीड़िता का बयान दर्ज किया था। जिसमें पीड़िता ने घटना का पूर्णरूपेण समर्थन किया था। अभियोजन की ओर से पास्को स्पेशल पीपी जगत नारायण सिन्हा ने बहस करते हुए न्यायाधीश से इस जघन्य अपराध के लिए कठोर से कठोर सजा का अनुरोध किया तथा 9 गवाहों की गवाही भी कराई। आरोपी दीपनगर थाना क्षेत्र मेघी गांव का निवासी है। पीड़िता के पिता के बयान पर बिंद थाना में 16 सितंबर 2016 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिसके अनुसार पीड़िता 10 सितंबर 2016 को बाजार जाने के लिए घर से निकली थी। जब शाम तक घर नहीं आई तो उसके मोबाइल पर संपर्क करने पर मोबाइल बंद था। मामले में स्पेशल पीपी श्री सिन्हा ने बताया कि पीड़िता की सहेली ने आरोपी अरविंद पासवान से यह कहकर परिचय कराया था कि यह उसकी नौकरी लगवा देगा।
पीड़िता अपनी बड़ी बहन के साथ बिहारशरीफ में किराए के मकान में रहकर पढ़ाई किया करती थी। सहेली के झांसे में आकर पीड़िता अपने घर से 5 हजार रुपये, जेवर, आधार कार्ड एवं अन्य जरूरी कागजात लेकर बिहारशरीफ स्टेशन पर आरोपी से मिली। आरोपी रेलवे स्टेशन पर पीड़िता से कुछ सादा कागजात पर हस्ताक्षर करवा लिया और ऑफिस चलने के बहाने अपना ननिहाल लेकर चला गया। वहां से वह पीड़िता को गुड़गांव ले गया। जहां पीड़िता से जबरदस्ती शादी कर ली। इस बीच वह पीड़िता से लगातार दुष्कर्म करता रहा। पीड़िता जब उससे घर चलने की बात करती तो वह मना कर देता और धमकाते हुए कहता कि अगर ज्यादा जिद की तो जान से मार देंगे।
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