ओवरलोडिंग वाले अवैध वाहनों के जिले में परिचालन को लेकर पुलिस कप्तान कार्तिकेय के.शर्मा का रुख बेहद स्पष्ट है। इस मामले में उनके निर्देश पर लगातार कार्रवाई हो रही है। बरबीघा थाना को छोड़ जिले के सभी थाना और ओपी पुलिस के द्वारा ऐसे वाहनों को पकड़ा जा रहा है। लेकिन बरबीघा में ऐसा कहीं कुछ भी नहीं देखा जा रहा है। उल्टे बरबीघा थाना के नाक के सामने से प्रत्येक दिन दो से ढाई सौ की संख्या में आवश्यकता से अधिक बालू, गिट्टी एवं बोल्डर लदे हुए ट्रैक्टरों के साथ-साथ अनेकों ओवरलोडिंग ट्रकों का परिचालन में होता रहता है। अहले सुबह 03 बजे के बाद से 07 बजे तक तो ओवरलोडिंग ट्रैक्टरों और ट्रकों का काफिला गुजरता है। सामने पुलिस खड़ी रहती है और बालू एवं गिट्टी माफियाओं से सांठगांठ करते हुए यहां से गुजरने में उनकी मदद करते रहते हैं।
थाना चौक के समीप पत्थर एवं कितनी माफियाओं के साथ चाय की चुस्की भी लेते हैं। इस तरह से बरबीघा थाना पुलिस की मदद से इस कारोबार से जुड़े हुए माफिया बड़े पैमाने पर सरकारी राजस्व को चूना लगा रहे हैं। इस कार्य में मदद करने वाली बरबीघा थाना पुलिस कि मोटी कमाई हो रही है। इसके बावजूद भी थानाध्यक्ष अपने आपको बिल्कुल पाक साफ बताते हैं। उनके काले कारनामों की पोल खोलने पर उल्टे मीडिया कर्मियों को ही भला बुरा हमेशा कहते रहते हैं। बरबीघा थाना चौक से होते हुए गोपालबाद-बाढ़ की ओर जो भी ओवरलोडिंग वाहन पत्थर, गिट्टी और बालू ढोते हैं। यह सभी वाहन बरबीघा थाना के मुख्य द्वार से होते हुए गुजरता है। इसके अलावे एनएच 82 रोड में भी ऐसे वाहनों का परिचालन धड़ल्ले से हो रहा है जो मोकामा एवं बेगूसराय की ओर जाता है। रोजाना इस तरह का खेल- खेला जा रहा है। जब पूरे जिले में डीएम एवं एसपी के आदेश पर अवैध तरीके से पत्थर गिट्टी एवं बोल्डर ढोने वाले वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है तो बरबीघा थाना पुलिस ऐसा क्यों नहीं कर रही है।
खनन-परिवहन विभाग का काम : थानाध्यक्ष
इस संबंध में बरबीघा थाना अध्यक्ष जयशंकर मिश्र से पूछे जाने पर उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस तरह के वाहनों को पकड़ने का अधिकार मेरे पास नहीं है। इन लोगों के के ऊपर कार्रवाई करने का अधिकार खनन विभाग एवं परिवहन विभाग के पास है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों से एवं क्रेशरों से जब ओवरलोडिंग ओवर कराए जाते तो खनन विभाग को इसे रोकना चाहिए और जब सड़कों पर ओवरलोडिंग वाहनों का परिचालन होता है तो परिवहन विभाग क्या करती है, सारी जिम्मेदारी पुलिस की नहीं है।
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