नगर परिषद बनने के बाद भी यहां की प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। इसका नतीजा है कि शहरवासी विभागीय नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। बताया जाता है कि नगर क्षेत्र में विभागीय अनुमति के बिना ही हर साल 300 से अधिक नए मकानों का निर्माण किया जा रहा है। जबकि इसके लिए परमिशन नहीं लिया जाता। विभागीय आंकड़ों के अनुसार पांच सालों में केवल 418 लोगों ने ही घर बनाने के लिए अनुमति ली है, यानी नक्शा बनवाया व पास कराया है। कॉलोनियों में बेतरतीब तरीके से बनाए जा रहे मकान के कारण जमालपुर, मेहूंस मोड़, गिरिहिंडा कच्ची रोड, दल्लु चौक, तीनमुहानी, बंगाली पर सहित सघन होती जा रही लगभग सभी कॉलोनियों में सड़क व नाला को लेकर समस्या आने लगी है। कहीं तो लोगों को इसकी सुविधा नहीं है। वहीं है भी तो वे परेशानी का ही सबब बने हुए हैं। बताया जाता है कि विभाग ऐसे मकानों का सर्वे कराकर उन्हें चिह्नित करेगी व जुर्माना वसूल करेगी। बताया गया कि आवास की अनुमति वैसे लोग ही ज्यादा लेते हैं जिन्हें इसके लिए लोन की जरूरत रहती है।
सड़क से ढाई गुणा ऊंचाई तक ही करना है आवास निर्माण
बताया गया कि विभागीय निर्देश पर सड़क के ढाई गुणा ऊंचाई तक ही आवास निर्माण किया जा सकता है। यानी आठ फीट सड़क पर दो व 15 फीट सड़क पर तीन मंजिला आवास बना सकते हैं। जबकि कॉलोनियों में 8-10 फीट सड़क पर चार मंजिला मकान है।
30%लोगों ने नहीं दी नए निर्माण की जानकारी
नगर क्षेत्र में लगभग 14 हज़ार हाउस होल्ड हैं। इसमें से 30 फीसदी से अधिक ने अब तक अपने मकान को बढ़ाने की जानकारी नहीं दी। इससे वे अपना आवास बढ़ाने के बाद भी पूरा टैक्स नहीं चुका रहे हैं। बताया गया कि ऐसे लोगों को विभाग ने नोटिस जारी की है।
आपातकाल में एम्बुलेंस व अग्निशमन का जाना असंभव
विभागीय अनुमति के बिना जहां आवास निर्माण हुआ है वहां आपातकाल के समय कॉलोनी में एम्बुलेंस व अग्निशमन का जाना असंभव हो जाता है। ऐसे में ऐसी कॉलोनियों में अप्रिय घटना के दौरान किसी प्रकार की सहायता पहुंचाना भी मुश्किल है।
^नगर क्षेत्र में प्रतिवर्ष सैकड़ों आवास का निर्माण होता है। इसमें से अधिकांश बिना परमिट के ही आवास का निर्माण करा रहे हैं। वहीं छोटी सड़कों पर भी लोग नियम के विपरीत कई मंजिला मकान बना रहे हैं। ऐसे 536 लोगों को चिन्हित कर नोटिस भेजा गया है।
- प्रभात रंजन, ईओ, नगर परिषद, शेखपुरा।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.