शेखपुरा के नगर थाना पुलिस अपने चाचा पप्पू यादव की हत्या के मामले में फरार चल रहे हत्यारोपी टीपू यादव के घर कुर्की जब्ती करने सदर प्रखंड के कारे गाव पहुंची । पुलिस उसके घर के सभी समान बाहर निकाल कर ट्रैक्टर पर लादना शुरू कर उसके घर के दरवाजे और खिड़की उखाड़ने के लिए मजदूरों को लगाया । तभी फरार हत्यारोपी टीपू यादव कुर्की जब्ती करने घर पर पहुंची पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। यह घटना बीती शाम को घटी। बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया इस संबंध में जानकारी देते हुए नगर थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक विनोद राम ने बताया कि वर्ष 2019 के अपने चाचा की हत्या करने के मामले में टीपू यादव तीन साल फरार चल रहा था । जबकि पुलिस उसकी गिरफ्तारी हेतु कई बार प्रयास की थी। लेकिन वह पुलिस के हत्थे नही चढ़ पाया था।
सूत्रों ने बताया कि भूमि विवाद को लेकर लगभग सात साल पहले टीपू यादव के चाचा पप्पू यादव ने अपने बड़े भाई और टीपू के दिव्यांग पिता अशोक यादव की गोली मार कर हत्या कर दी थी। बड़े भाई की हत्या करने के मामले में गिरफ्तार पप्पू यादव जब जेल से जमानत पर छूटकर घर आया था।तब एक डेढ़ माह बाद भतीजे टीपू ने अपने पिता की हत्या के प्रतिशोध में चाचा पप्पू यादव को कुदाल से काटकर उसकी हत्या कर दी थी।
हत्यारोपी टीपू यादव के खिलाफ स्थानीय न्यायालय से कुर्की जब्ती का आदेश पुलिस को प्राप्त हुई थी। इस आदेश के तामिला के लिए दरोगा आर के चौरसिया के नेतृत्व में पुलिस उसके गांव पहुंची। कुर्की जब्ती की कार्रवाई के बीच वह पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
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