इंडो-नेपाल बॉर्डर से 11 जून को गिरफ्तार चीनी नागरिक स्लीपर सेल की मदद से सीमा पार कर भारत में घुसे थे। सीतामढ़ी से पकड़े गए दो लोगों के मामले में प्रतिदिन नए खुलासे हो रहे हैं। नोएडा में उनके चीनी मित्र ने पूरा सहयोग किया था। अब इसी ने कई राज खोले हैं। उसने बताया है कि नोएडा के पब में ही ऐसे स्लीपर सेल तैयार हो रहे हैं। जल्द पुलिस दोनों को फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
दरअसल, सदर DSP सुबोध कुमार ने बताया, 'दोनों चीनी यात्री की गिरफ्तारी के बाद इनके सहयोगी कैरी नाम के युवक को नोएडा पुलिस ने 13 जून को गिरफ्तार किया। उससे नोएडा पुलिस ने पूछताछ की है। इसमें पता चला कि दोनों काठमांडू से भारतीय सीमा तक आने में स्लीपर सेल ने मदद की थी।
स्लीपर सेल ने ही उन दोनों को सुरक्षा एजेंसियों की आंखों में धूल झोंकने के लिए साइकिल उपलब्ध कराई थी। ताकि आसानी से सीमा पार कर हिंदुस्तान में प्रवेश कर सके। दोनों के दोस्त कैरी ने ही फोन पर भारत-नेपाल की खुली लंबी सीमा के बारे में बताया।
नोएडा के पब में तैयार हो रहे चीनी स्लीपर सेल
दोनों को शरण देने वाले चीनी जासूस सु फाई उर्फ कैरी से पूछताछ में पता चला कि ग्रेटर नोएडा के गौतम बुध नगर में एक मोबाइल कंपनी के फैक्ट्री के गेस्ट हाउस बनाकर पब संचालित किया जा रहा था। वहीं चीनी स्लीपर सेल तैयार हो रहे। पता चलने पर पुलिस ने छापेमारी भी की। पुलिस के पहुंचने से पहले ही 30 से ज्यादा विदेशी युवक- युवतियां वहां से फरार हो गए। उन पबों में महंगी शराब और अन्य तरीके का नशा परोसा जाता था। इसके लिए विदेशी लड़कियां रखी गई थी। मौके से असम और मणिपुर की तीन युवतियां पुलिस को मिली है। जो वहां खाना बनाने का काम करती हैं।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से लैश रहते थे चीनी स्लीपर सेल
पूछताछ में बिल्डिंग में अनैतिक कार्य होने की जानकारी दी। पब में पकड़ी गई लड़कियों ने बताया कि पब में आने-जाने वाले लोग अक्सर कई अलग-अलग तरीकों की मशीन का प्रयोग करते थे। सभी के हाथों में लैपटॉप हमेशा रहा करता था। ऐसे में आशंका है कि देश का महत्वपूर्ण डाटा जुटाकर लैपटॉप के माध्यम से उसे चीन भेजा जाता है। कैरी ने पुलिस को चीनी नागरिकों के अड्डे और कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी है।
इस संबंध में एसएचओ कोतवाली ग्रेटर नोएडा, अनिल राजपूत ने बताया कि कैरी से पूछताछ में पता चला कि घरबरा गांव में एक बिल्डिंग में पब चलता है। वहां छापेमारी के दौरान कुछ युवतियां मिली हैं। उन्होंने बताया कि बॉर्डर पर पकड़े गए चीनी नागरिक इस पब में रुके थे।
क्या है स्लीपर सेल
अनिल राजपूत ने बताया कि स्लीपर सेल यानी विरोधियों का वह दस्ता जो आम लोगों के बीच रहता है और देश विरोधी के शीर्ष नेतृत्व से आदेश आने के बाद हरकत में आ जाता है। उन्होंने बताया कि यह आम लोगों के बीच आम आदमी की तरह रहते हैं और धीरे-धीरे देश संबंधित जानकारियां एकत्र करके विरोधियों तक पहुंचा देते हैं।
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