नगर के चारों तरफ बाढ़ से बचाव को लेकर रिंग बांध बना हुआ है, जिसमें पांच स्लुइस गेट बनाए गए थे। इससे नगर का पानी नदी व सरेह में निकाला जाता रहा है। इन पांच स्लुइस गेट में दो से पानी नगर से लखनदेई नदी में गिराया जाता है तो तीन से पानी रिंग बांध से बाहर सरेह में गिराया जाता रहा है। वर्तमान में नदी में गिरने वाले दोनों स्लुइस गेट चालू हैं, नगर के नाला व नासी से इसे जोड़ा गया है। लेकिन, इसमें भी तत्काल जीर्णोद्धार की जरूरत है। पानी पूर्ण क्षमता के साथ नदी में नहीं गिरता है। वहीं सरेह में पानी गिराने वाले तीन में से एक स्लुइस कपरौल रेलवे गुमटी के समीप है, जो अभी चालू है, लेकिन जीर्णोद्धार की जरूरत है। रिंग बांध पर मिर्चाइपट्टी में बना स्लुइस गेट का संपर्क नाला ध्वस्त हो चुका है। हालांकि ये भी ठीक है, लेकिन नाला नहीं रहने से ये भी जाम पड़ा है। इधर मेला रोड रिंग बांध का स्लुइस गेट अतिक्रमण का शिकार हो चुका है। इसके दोनों ही तरफ मकान बन चुके हैं। नगर से जलनिकासी को लेकर यहां तक नाला भी नहीं है।
एप्रोच नाला नहीं रहने से जलनिकासी बाधित
रिंग बांध से सरेह में पानी गिराने वाले तीन स्लुइस गेट तक अभी भी एप्रोच नाला नहीं है। इधर सरेह से लेकर रिंग बांध के अंदर नगर में बहुमंजिला मकान बन चुके हैं। इसके कारण अब तक स्लुइस गेट से जलनिकासी को लेकर एप्रोच नाला नहीं बन सका है। इधर अब सरेह की ओर भी बहुमंजिला मकान बनने की प्रक्रिया जारी है। मेला रोड व मिर्चाइपट्टी स्लुइस गेट से जलनिकासी नहीं होने से नगर के सात से आठ मोहल्ला के करीब 20 हजार आबादी जलजमाव से प्रभावित रहती है। इनकम टैक्स गली, सिंह कॉलोनी, रघुनाथ झा काॅलेज मोहल्ला , चाणक्यपुरी, नया टोला आदि में जलजमाव के कारण लोगों को घर छोड़ना भी पड़ता है।
मेला रोड रिंग बांध पर बना स्लुइस गेट अतिक्रमित है। रिंग बंाध के अंदर और बाहर दोनों ही तरफ मकान बन चुके हैं। प्रशासन द्वारा पिछले साल रिंग बांध के बाहर वाले मुहाने से कंस्ट्रक्शन तोड़कर इसे साफ किया गया, लेकिन रिंग बांध के अंदर वाले भवन को जस का तस छोड़ दिया गया। हालांकि इस स्लुइस गेट तक नगर के जलजमाव क्षेत्र से संपर्क नाला नहीं है। मिर्चाइपट्टी स्लुइस गेट के मुहाने पर घर बन चुका है। यहां से पानी निकासी को लेकर बड़ा नाला भी है। लेकिन नगर के जलजमाव क्षेत्र से यहां तक का पूर्व का नाला ध्वस्त है। जिसके कारण कुछ ही पानी यहां से निकलता है, शेष नगर में ही बना रहता है। इधर इस स्लुइस गेट के सरेह वाले मुहाने पर भी बहुमंजिला मकान बन रहा है। जिससे आने वाले समय में यहां से पानी निकासी बाधित हो जाएगी।
मेहसौल पुल से उत्तर का स्लुइस गेट चालू है, लेकिन अब ये पूर्ण क्षमता से नदी में पानी नहीं गिरा पाता है। इसका जीर्णोद्धार अभी तक नहीं किया गया है। इसके पुराने सिस्टम खराब हो चुके हैं वहीं इसमें कूड़ा करकट के साथ ही गाद भी जमा है। यहां तक नगर का नाला कनेक्ट है, लेकिन नालों में भी कूड़ा करकट भरा पड़ा है।
राम घाट पर बना स्लुइस गेट भी चालू है, लेकिन इसके देख रेख की कमी और नाले में कुड़ा करकट के कारण जलनिकासी पूर्ण क्षमता से नहीं हो पाती है। मुख्य सड़क से पूरब के क्षेत्र के पानी का निकासी इसी स्लुइस गेट से हाेता है। जिसके कारण वासुश्री सिनेमा रोड व गुदरी रोड के इलाके में जलजमाव घंटों रहता है।
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