अब स्कूलों के निरीक्षण करने से व्यवस्थाओं की पोल खुलेगी और जब व्यवस्थाओं की पोल खुलेगी तो व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए भी विभाग आवश्यक कदम उठाएगा। इससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे तथा पढ़ाने वाले शिक्षकों को लाभ पहुंचेगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने आदेश जारी किया है कि सभी अधिकारी अधीनस्थ कार्यालय क्षेत्र का भ्रमण करेंगे, ताकि विभाग द्वारा दी जा रही प्रमुख सेवा अर्थात शिक्षा में आशानुरूप सुधार हो सके। इसके लिए उन्होंने कहा है कि निरीक्षण के दौरान सुविधाओं की भी जानकारी लेनी है, इसमें पीने के लिए पानी तथा शौचालय की व्यवस्था शामिल है। निरीक्षण के दौरान देखना है कि पीने के लिए पानी तथा शौचालय की व्यवस्था है या नहीं, ताकि इसमें सुधार किया जा सके। इसके अलावा अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि स्कूलों में निरीक्षण के दौरान उपस्थिति एवं मध्यान भोजन की जांच के अलावा कक्षा में बैठकर इसकी भी निगरानी करनी है कि शिक्षकों द्वारा बच्चों को किस तरह शिक्षा दी जा रही है। जरूरत पड़ने पर शिक्षकों को मार्गदर्शन भी देना है। इससे शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार आएगी। इसके अलावा यह भी निर्देश दिया गया है कि विभाग में जितने भी मामले लंबित है उसे अभियान चलाकर मामलों को निष्पादित करना है, इसके लिए 15 जून तक अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। सभी कार्यालय प्रधान को अपने कार्यालय में सभी कर्मियों से लंबित मामलों की समीक्षा कर सूची बनाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही लंबित मामलों में किसी कर्मियों द्वारा कार्यालय का चक्कर नहीं लगाने को कहा गया है। अगर कार्यालय का चक्कर लगाते हुए निरीक्षण के दौरान कोई भी कर्मी पाए गए तो संबंधित प्रधान पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। बताते चलें कि शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक बच्चे सुविधाओं की घोर कमी के बीच पठन-पाठन करते हैं। कहीं पर शौचालय नहीं है तो कहीं पर शौचालय गंदा रहता है। कई स्कूलों में पीने योग्य पानी ही नहीं रहता है। लेकिन निरीक्षण के दौरान अधिकारी केवल शिक्षक और बच्चों की उपस्थिति पर ध्यान देते हैं।
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