सुपौल, निर्मली,आज मिथिलांचल के एकीकरण होने का ऐतिहासिक दिन शनिवार को रहा। निर्मली में ताली बजाकर लोगों ने ट्रेन का स्वागत किया। कोसी के कछार पर सिटी सुनकर बुजुर्गों के चेहरे पर मुस्कान तैर गई।
1934 के प्रलयंकारी भूकंप में ध्वस्त ध्वस्त कोसी में ट्रेन का परिचालन आज 88 वर्षों के बाद शुरू हो गया है, आज झंझारपुर से रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया जो निर्मली के रास्ते होते हुए सहरसा तक जाएगी 88 वर्षों से विभक्त मिथिलांचल यूं तो 6 जून 2003 को श्रद्धय अटल बिहारी वाजपेई द्वारा रखे गए शिलान्यास के बाद एनएच 57 के जरिए कुछ साल पहले जुड़ गया था।
ट्रेन के मामले में यह इलाका आज भी पिछड़ा रहा था। लेकिन आज ट्रेन का परिचालन शुरू होते ही पूरी तरीके से मिथिलांचल का एकीकरण हो गया है कई ऐसे बुजुर्ग है जो 1934 के भूकंप में ट्रेन को ध्वस्त होते देखा था ऐसे कई लोग हैं जिनके चेहरे पर आज खुशियां देखने लायक थी कोसी की तबाही के बीच ट्रेन का परिचालन काफी अहम माना जाता है। इस इलाके में ट्रेन का परिचालन शुरू होते ही व्यापार भी लोगों की दिन दूनी और रात चौगुनी हो जाएगी।
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