सुपौल के छातापुर प्रखण्ड से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया। मामला उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा छातापुर से जुड़ा है । जहाँ साल 2012 में सोहटा पंचायत वार्ड नम्बर 07 के रहने वाले किसान संजय यादव के नाम पर फर्जी तरीके से उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा छातापुर में KCC योजना से एक लाख रुपये का ऋण उठाया जा चुका है।
इस बात की भनक संजय यादव को तब लगी जब उनके घर बैंक द्वारा बार बार ऋण जमा करने के लिए नोटिस दिया जाने लगा । जिसके बाद पीड़ित संजय यादव ने उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक छातापुर के तत्कालीन शाखा प्रबंधक से मिलकर अपनी समस्या सुनाया लेकिन बैंक प्रबंधक पर उनके फरियाद का कोई असर नही हुआ। जिसके बाद पीड़ित संजय यादव ने सूचना अधिकार के तहत बैंक से फर्जी तरीके से पास हुए ऋण का दस्तावेज लिया ।
दस्तावेज निकालने के बाद पता चला कि जिस LPC प्रमाण पत्र के आधार पर बैंक द्वारा लॉन की गई है । वह LPC सहित तमाम कागजात फर्जी है। इतना ही नहीं फर्जी कागजात पर हस्ताक्षर भी फर्जी है ओर सबसे बड़ी बात यह है कि ईस लॉन पास होने वाले कागज़ात पर जिस गवाह का नाम है वह गवाह बताती है कि कुछ वर्ष पूर्व गाँव के ही सुबोध दास ने उनका बैंक में खाता खुलवाने के लिए ले गया था जहाँ इनसे एक कागजात पर हस्ताक्षर करवाया गया था ।हालांकि बैंक मैनेजेर का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
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