सरकार की योजनाओं का जन-जन तक लाभ पहुंचाने के लिए सत्ता का विकेंद्रीकरण करते हुए स्थानीय स्वशासन की परिकल्पना को साकार किया गया। दुर्भाग्यजनक यह है कि सरकार की कोई भी महत्वाकांक्षी विकास व जन कल्याण की स्किम क्यों न हो पंचायत में फंड पहुंचते ही उसका बंटाधार हो जा रहा है। सीएम सात निश्चय का अहम नलजल के बाद ओपन जिम स्किम में जमकर घोटाला हो रहा है। शायद ही कोई पंचायत अछूता हो। ताजा मामला राजापाकर प्रखंड अंतर्गत लंगूराव बिलन्दपुर पंचायत का सामने आया है। तत्कालीन पंचायत सचिव राम कुमार सिंह एवं मुखिया रवि कुमार महतो के द्वारा राज्य वित्त आयोग की राशि से संबंधित योजना के क्रियान्वयन हेतु निर्धारित मार्गदर्शिका के विरुद्ध कार्य योजना तैयार कर जिम पोर्टल से सामग्री न क्रय कर मनमानी करते हुए बाजार से घटिया स्तर की सामग्री क्रय किया है। स्थानीय आपूर्तिकर्ता को चेक के माध्यम से लगभग 3341290 का गबन कर लिया है। इस गबन का खुलासा पंचायत के उज्जवल कुमार के द्वारा दिए गए डीएम वैशाली को आवेदन के आलोक में प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार ने जांच कर किया।
बीपीआरओ की जांच से घोटाले का खुलासा
बीपीआरओ ने अपने जांच के बाद बताया है कि उक्त योजना में भारी अनियमितता से संबंधित वार्ड के वार्ड सदस्य के द्वारा भी आवेदन दिया गया था। बिना कार्यकारिणी एवं क्रय समिति से योजना का पारित किए हुए ही योजना का क्रियान्वयन किया गया। सामग्री घटिया किस्म बिना मानक के लोकल स्तर पर क्रय किया गया है। अपने जांच प्रतिवेदन में उन्होंने यह भी बताया है कि 15 वित्त आयोग के राशि से जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदारी न कर षष्टम वित्त राज्य आयोग के मार्गदर्शिका के विपरीत योजना का क्रियान्वयन किया गया। स्कूल में जगह नहीं रहने के बावजूद भी कम जगह में बिना जिला शिक्षा पदाधिकारी से एनओसी प्राप्त किए हुए लगाए गए।
सरकारी राशि गबन करने की नीयत से किया घोटाला
प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी ने बताया है कि वर्तमान पंचायत सचिव और मुखिया ने पंचायत में सात योजना लिया गया है जिसमें सरकार द्वारा मानक से हटकर तथा निर्देशिका को ताक पर रखते हुए सरकारी राशि के गबन करने की नियत से घोटाला किया है। जांच के क्रम में जब पंचायती राज पदाधिकारी ने मुखिया रवि कुमार महतो को योजना स्थल के बारे में पूछताछ किया तो उनके द्वारा बताया गया कि अभी योजना स्थल को चिन्हित नहीं किया गया। जबकि राशि की निकासी कर ली गई है।जिससे साफ जाहिर होता है कि पंचायत सचिव एवं मुखिया घोटाले के नियत से ऐसा किया है। मालूम हो कि पंचायत सचिव रामकुमार सिंह बीते 31 दिसंबर 2022 को सेवानिवृत्त भी हो गए हैं।
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