नगर निगम की ओर से शहर को प्लास्टिक कैरीबैग फ्री करने के लिए जो अभियान चलाया गया है उसके तहत पहले जूट के बैग इस्तेमाल करने के लिए लोगों को जागरूक किया गया और पुराने कपड़े से बने घर में बने थैले लाने के लिए प्रेरित किया गया।
जिन दुकानदारों के पास से प्लास्टिक कैरीबैग मिलते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। इसी के तहत नगर निगम की मेडिकल हेल्थ अाॅफिसर डॉ. तमन्ना की अगुवाई में टीम की ओर से लोगों को अवेयर करने के लिए कागज से बने लिफाफे बांटे गए और इनका इस्तेमाल करने के लिए भी कहा।
टीम ने दुकानदारों पर की कार्रवाई: नगर निगम की ओर से शहर की मार्केट्स में घूम कर जहां प्लास्टिक के कैरीबैग इस्तेमाल करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके चालान काटे गए। वहीं, दुकानों पर आए लोगों को कागज से बने लिफाफे भी बांटे गए और साथ ही
मार्केट में आए लोगों को पर्यावरण को बचाने के लिए इसी प्रकार के लिफाफों का इस्तेमाल करने और प्लास्टिक कैरीबैग को पूरी तरह से बंद करने के लिए प्रेरित किया गया।
हाईकोर्ट में चल रहा है केस
शहर में प्लास्टिक कैरीबेग के इस्तेमाल को लेकर फेज-7 निवासी हरिकृष्ण शर्मा की ओर से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में केस दायर किया गया है। जिसमें शर्मा की ओर से नगर निगम, पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, डीसी मोहाली को पार्टी बनाया गया है। इस केस में हाईकोर्ट की ओर से निगम से जवाब मांगा गया था कि वो बताएं कि उन्होंने शहर को प्लास्टिक कैरीबैग फ्री बनाने के लिए क्या प्रयास किए हैं।
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