मुख्यमंत्री भगवंत मान को डॉ. विजय सिंगला के खिलाफ शिकायत मिली थी तबसे उनके विभाग पर नजर थी। सबसे पहले 21 अप्रैल से 27 मई तक के टेंडर्स की पड़ताल की गई। स्वास्थ्य विभाग को इस दौरान 51 टेंडर जारी करने थे। 8-10 छोड़कर बाकी जारी हो गए थे। अब सभी की जांच होगी। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री के रडार पर दो और मंत्री भी है। इनमें से एक माझा व दूसरे दोआबा से हैं। सिंगला पेशे से डेंटिस्ट हैं। सुबूत मिलने के बाद सीएम के विश्वस्त अधिकारी सिंगला के कामकाज पर नजर रख रहे थे।
सात दिन पहले ही टेंडरों से जुड़ी जानकारी मुख्यमंत्री को दे दी गई थी। कौन-कौन सिंगला के करीबी किस-किस कंपनी या फर्म के लोगों से मिल रहे हैं, इसकी भी रिपोर्ट बनाई गई। कंपनी के अधिकारियों से पहले सिंगला के करीबी मिलते थे, बाद में सिंगला मिलते थे। टीम ने 13 लोगों की पहचान की है, जो सिंगला के सहयोगी थे। इनमें उनके दोस्त, रिश्तेदार और कुछ डॉक्टर हैं। पूरी जांच इतनी गोपनीय रखी गई थी कि कार्रवाई से सिर्फ 3 मिनट पहले दो अफसरों को बताया गया।
इन टेंडरों में कमीशन
लैबोरेटरी का समान, डेंटल मैटिरियल, माइक्रोस्कोप, कैंसर के इलाज से संबंधित, डेस्कटॉप, प्रिंटर्स, एंटीबायोटिक्स और मेडिकल इक्विपमेंट्स के टेंडर में कमीशन तय किया जाता था। सरकार ने टेंडर संबंधी सारे रिकाॅर्ड भी जब्त कर लिए हैं। इनमें मोहल्ला क्लीनिक और अन्य कामों के लिए 1015 लैपटॉप्स, 500 डेस्कटॉप, 1450 प्रिंटर आदि खरीदने का 20 से 25 करोड़ रुपए की कीमत वाला टेंडर भी है। वहीं, कार्रवाई करने से 24 घंटे पहले सीएम ने अरविंद केजरीवाल से बात की थी।
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