चंडीगढ़ में सेक्टर-37 के विवादित कोठी केस में पकड़े गए शराब कारोबारी अरविंद सिंगला को बुडै़ल जेल में चक्की के एकांतवास से दूसरे दिन ही कैदियों की बैरक में भेज दिया गया। मामले में एक कैदी की ओर से सुपरिंटेंडेंट जेल के खिलाफ शिकायत दी गई थी। जिसमें आरोप लगाया गया कि रिश्वत लेकर सिंगला को कोविड गाइडलाइन से राहत दी गई थी। अब इस शिकायत पर हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के निर्देशों पर चीफ सेक्रेटरी हरियाणा ने आईजी जेल को जांच करने के लिए कहा है।
क्योंकि सुपरिंटेंडेंट बुडै़ल जेल के तौर पर जो अधिकारी तैनात है, वे हरियाणा कैडर से संबंधित हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए हाई पावर कमेटी गठित करने निर्देश दिए गए थे कि देश की जेल में कैदियों तक यह वायरस न पहुंचे, इसके लिए काम करेगी। इसके मद्देनजर चंडीगढ़ में बनी हाई पावर कमेटी ने जेल प्रबंधकों को यह निर्देश दिए थे कि जेल में आने वाले कैदियोंं को 10 दिनों के लिए एकांतवास में रखा जाएगा, ताकि बाहर से आने वाले कैदियों से जेल में कोरोना न फैल सके।
एक कैदी ने अपना नाम गुप्त रखते हुए चीफ जस्टिस पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट, आईजी जेल चंडीगढ़, होम सेक्रेटरी यूटी, सीएम पंजाब व हरियाणा, स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी सेक्टर-9 की हाई पावर कमेटी चेयरमैन और एक कॉपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी है। साथ में यह भी लिखा है कि मैं अपना नाम नहीं बता सकता, लेकिन यह सब सच है और सच्चाई का पता लगाने के लिए जेल के बंदी रजिस्टर के रिकार्ड को चैक किया जा सकता है। पत्र मिलने के बाद आईजी जेल इस मामले की जांच कर रहे हैं और मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण गुपचुप तरीके से इसकी इंक्वायरी की जा रही है।
सिंगला को दूसरे दिन कर दिया चक्की से बैरक में शिफ्ट
बुडैल जेल से जो पत्र अथॉरिटी व अन्य अधिकारियों को भेजा गया है, उसमें लिखा गया है कि जेल सुपरिंटेंडेंट विराट जेल में गैंग चलाते हैं और उन्होंने आरोपी अरविंद सिंगला से 25 लाख रुपए लिए हैं। जिसके लालच में आकर उनको दूसरे दिन ही 12 सेल वार्ड से आम कैदियों की बैरक नंबर-10 में शिफ्ट कर दिया गया। विराट आरोपी सिंगला से अकेले में उसकी चक्की में मिले थे और उसके बाद उनको शिफ्ट कर दिया गया। पत्र लिखने वाले ने यह भी लिखा है कि मैं अपना नाम इस पत्र में नहीं लिख सकता। क्योंकि उसके बाद जेल में बंद उसके रिश्तेदार को सुपरिंटेंडेंट विराट परेशान करेंगे। यदि आपको इस मामले की सच्चाई जानना है तो जेल के बंदी रजिस्टर की जांच की जा सकती है। कोविड के कारण कैदियों को उनके परिवार से मिलने पर भी मनाही थी।
चक्की और बैरक में क्या फर्क होता है
सूत्रों के अनुसार, जेल में जो चक्कियां होती हैं, वह मात्र 6 बाइ 7 फुट का एक बाथरूम के साइज का कमरा होता है, जिसमें न कोई खिड़की और न रोशनदान होता है। शौचायल भी अंदर ही होता है, उसके पास न कोई संतरी डयूटी देता है और न वहां कोई जाता है। कुल मिलाकर एक कैदी अकेला रहता है और बात करने के लिए दूर-दूर तक कोई नहीं होता। दरअसल चक्कियों में खुंखार कैदियाें व आंतकियों को रखा जाता था। आम कैदी हमेशा से ही बैरक में होता है, जहां सब के साथ मिलजुल कर रहते हैं। बैरक में एक साथ कई कैदी इकट्ठे रहते हैं। बैरक कई साइज में होती हैं और उस हिसाब से उसमें कैदियों को आपस में एक साथ रखा जा सकता है। बुडै़ल जेल में कैदियों के लिए बैरक में स्पीकर भी लगाए गए हुए हैं, ताकि सुबह शाम वह भजन सुन सके।
जेल में कोई प्रोटोकॉल नहीं तोड़ा गया। यह सिक्योरिटी का मामला है और कैदियों को कई प्रकार की समस्याएं आती है। जिनका निवारण उनके द्वारा ही किया जाना होता है। रोजाना कैदियों से मिलना होता है। आरोप पूरी तरह से निराधार है।
- विराट, बुडैल जेल सुपरिडेंट(एचसीएस अधिकारी)
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.