गुजरात दंगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘द मोदी क्वेश्चन’ चलाने पर चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में हंगामा हो गया। कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI द्वारा स्टूडेंट सेंटर में डॉक्यूमेंट्री चलाई गई तो कई छात्र इसे देखने के लिए पहुंच गए। इतने में यूनिवर्सिटी अथॉरिटी को इसकी भनक लग गई। वह मौके पर पहुंचे और डॉक्यूमेंट्री को तुरंत बंद करवा दिया। इससे पहले लगभग आधी डॉक्यूमेंट्री चल चुकी थी।
बाद में इसकी भनक भाजपा के छात्र संगठन ABVP को भी लग गई। हालांकि उससे पहले अथॉरिटी वहां पहुंच गई थी।
डॉक्यूमेंट्री को बंद करना गलत : NSUI
NSUI के प्रेसिडेंट और चंडीगढ़ नगर निगम काउंसलर सचिन गालव शर्मा ने कहा कि इस डॉक्यूमेंट्री को बंद करना गलत है। देश के प्रधानमंत्री से जुड़ी इस डॉक्यूमेंट्री को देखने का सबका अधिकार होना चाहिए। इस डॉक्यूमेंट्री को चलाने के लिए उन्होंने सुबह VC ऑफिस में भी संपर्क किया था। मगर VC नहीं मिल पाई थी। जिसके बाद शाम को इसे चलाया गया।
सिर्फ 5 मिनट चलाने की मांग की
सचिन गालव लगातार PU अथॉरिटी से डॉक्यूमेंट्री को सिर्फ 5 मिनट और चलाने की मांग करते रहे मगर अथॉरिटी प्रोजेक्टर बंद करने पर अड़ी रही और इसे चलाने की मंजूरी मांगती रही। इसी बीच यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर(VC) से भी फोन पर बात की गई। हालांकि कोई सकारात्मक जवाब न आने पर डॉक्यूमेंट्री रोकनी पड़ी। गालव ने कहा कि स्टूडेंट्स काफी ध्यान से इसे देख रहे थे। यूनिवर्सिटी अथॉरिटी ने तानाशाही ढंग से इसे बंद करवाया।
VC नहीं मिल पाई थी
सचिन गालव ने VC को फोन पर कहा कि वह दोपहर को डॉक्यूमेंट्री की मंजूरी लेने के लिए उनके ऑफिस आए थे मगर वह नहीं थी। गालव ने VC को कहा कि देश के प्रधानमंत्री की डॉक्यूमेंट्री है, इसे सारे देख लेंगे तो क्या दिक्कत है। इसे चलाने दें।
इससे पहले दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में इस डॉक्यूमेंट्री को चलाए जाने से पहले पुलिस ने कुछ स्टूडेंट्स को डिटेन कर लिया था। भारत सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगा दिया है।
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