हिमाचल RTO ने मानी गलती:चंडीगढ़ के गरीब ऑटो चालक को नहीं भरना पड़ेगा 27,500 रुपए का चालान

चंडीगढ़4 महीने पहले
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हिमाचल सरकार के RTO विभाग ने अपनी गलती मान ली है। अब चंडीगढ़ के गरीब ऑटो चालक दुर्गा नंद को शिमला जाकर 27,500 रुपए का भारी-भरकम चालान नहीं भरना पड़ेगा। आज सुबह ऑटो चालक को हिमाचल प्रदेश के संबंधित RTO ऑफिस से फोन आया। उन्हें बताया गया कि यह उनके ऑटो का नहीं बल्कि हरियाणा नंबर की एक बस का चालान था। इस बस का नंबर HR68B 8922 था। वहीं दुर्गा नंद के ऑटो का नंबर HR68B 8822 था।

चालान न भरने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी
दुर्गा नंद को बीते 24 नवंबर को मोबाइल पर यह चालान भरने का मैसेज आया था। उन्हें बताया गया था कि उनका बद्दी (हिमाचल प्रदेश) में चालान हुआ है। 27 नवंबर (आज) के लिए उन्हें शिमला में लगी लोक अदालत या RTO, शिमला ऑफिस में चालान रकम जमा करवाने को कहा गया था। उन्हें कहा गया था कि चालान जमा न करवाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। RTO, शिमला मंजीत शन्ना ने यह आदेश जारी किए थे। दुर्गा नंद का कहना था कि वह कभी ऑटो को ट्राईसिटी (चंडीगढ़-पंचकूला-मोहाली) से बाहर ही नहीं लेकर गया। ऑटो चालक यह चालान मिलने के बाद से घबराया गया था।

बद्दी में चालान बताया था
हिमाचल प्रदेश स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी, शिमला ने 27 नवंबर को लगाई नेशनल लोक अदालत में इस चालान को भरने के लिए दुर्गा नंद के नंबर पर मैसेज भेजा था। ट्रैफिक का ई-चालान जारी किया गया था। ऑनलाइन चालान भरने की जानकारी देते हुए बताया गया था कि बद्दी (हिमाचल प्रदेश) में HR68B 8822 नंबर ऑटो का चालान हुआ था। इसमें गाड़ी (ऑटो) का नंबर और मोबाइल तो दुर्गा नंद का था मगर चालान स्लिप पर किसी राम लाल का नाम था।

दुर्गा नंद को उनके ऑटो नंबर का मोबाइल पर 27,500 रुपए का चालान आ गया था।
दुर्गा नंद को उनके ऑटो नंबर का मोबाइल पर 27,500 रुपए का चालान आ गया था।

तीन साल पहले पत्नी की मौत हो चुकी
दुर्गा नंद चंडीगढ़ के मक्खन माजरा में रहता है और लगभग 3 साल पहले उसकी पत्नी की मौत हो गई थी। अपने बच्चों को स्कूल के लिए तैयार कर खाना बना काम पर निकलता है। गरीबी में गुजर-बसर कर रहे दुर्गा नंद यह चालान देख घबरा गए थे। दुर्गा नंद चंडीगढ़ में कई बार ऑटो में सवारी के छूटे सामान को वापस कर ईमानदारी की मिसाल भी बन चुके हैं।

पहले भी गलती हो चुकी
चंडीगढ़ ऑटो यूनियन के प्रेसिडेंट अनिल कुमार के मुताबिक इससे पहले भी बीते अक्तूबर में एक कैब चालक का 35 हजार रुपए का चालान आया था। वह घबराकर हिमाचल प्रदेश पूछताछ के लिए गया था। वहां RTO ने कहा कि गलती से यह ई चालान जारी हो गया। अनिल कुमार ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश RTO विभाग को अपनी गलती सुधारनी चाहिए।