GMSH-16 के केमिस्ट को कोर्ट से राहत:चंडीगढ़ हेल्थ विभाग के 31.8 करोड़ रुपए रिकवरी नोटिस पर लगा स्टे

चंडीगढ़3 महीने पहले
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चंडीगढ़ सेक्टर 16 गवर्नमेंट मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल (GMSH-16) में एक केमिस्ट शॉप के मालिक से 31.8 करोड़ रुपए रिकवरी के डायरेक्टर, हेल्थ सर्विसेज(DHS) के नोटिस पर कोर्ट ने स्टे लगा दिया है। चंडीगढ़ जिला अदालत के सिविल जज (जूनियर डिवीजन) रणदीप कुमार ने बीते 16 फरवरी को चंडीगढ़ प्रशासन के हेल्थ विभाग द्वारा केमिस्ट को भेजे इस नोटिस पर स्टे लगाई है।

जारी नोटिस में प्रशासन ने शॉप नंबर 6 के मालिक सुनील कुमार को कहा था कि कथित रूप से अस्पताल में पब्लिक पैसेज के साथ गैरकानूनी रूप से जमीन हथियाने को लेकर नुकसान के रूप में यह रकम भरे।

केमिस्ट शॉप मालिक ने एडवोकेट मनीष दीवान के जरिए एप्लिकेशन दायर कर मांग की थी कि मामले में चल रहे सिविल केस की पेंडेंसी तक DHS को इस नोटिस के आधार पर आगामी कार्रवाई करने से रोका जाए।

इस आधार पर सुनाया फैसला
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि 16 फरवरी, 2023 के नोटिस से पता चलता है कि रकम का आकलन करने के दौरान शॉप का मार्किट रेंट को ध्यान में रखा गया, जिसमें वर्ष 2022 में 7 नंबर शॉप को लीज पर देने के दौरान वसूले गए चार्ज को देखा गया।

वहीं दूसरी ओर यह माना हुआ तथ्य है कि रिकवरी वर्ष 2010 से कथित रूप से गैरकानूनी इस्तेमाल और कब्जे में ली गई जगह को लेकर थी। ऐसे में प्रशासन यह साबित कर पाने में नाकाम रहे कि वर्ष 2022 में चल रहे रेंट को देख उन्होंने कैसे वर्ष 2010 से यूज एंड आक्यूपेशन चार्ज का आकलन कर सकते हैं।

वहीं प्रशासन यह भी साबित करने में प्रथम दृष्टता में नाकाम रहा कि किस तरह कथित अतिक्रमण अर्जीकर्ता ने वर्ष 2010 में खड़ा किया था, जैसा कि सर्वे रिपोर्ट में है। जबकि यह साबित नहीं होता। वहीं फैक्ट-फांइडिंग रिपोर्ट बनाने के दौरान अर्जीकर्ता को सुने जाने का कोई अवसर नहीं दिया गया। मौजूदा केस की सुनवाई पूरी होने तक प्रशासन को 31.8 करोड़ रुपए की रिकवरी करने पर रोक लगा दी गई है।

157.5 महीनों के नुकसान के आकलन किया था
बता दें कि संबंधित अतिक्रमण को हटाने के बाद हेल्थ विभाग ने यह नोटिस जारी किया था। विभाग ने 157.5 महीनों का 11,168 रुपए का प्रति स्क्वायर फीट प्रति महीने के हिसाब से यह नुकसान भरने को कहा था। यह रकम आकलन के बाद 31.18 करोड़ और GST अलग से जोड़ा गया था। विभाग ने कहा था कि केमिस्ट ने गैरकानूनी रूप से शॉप का दायरा बढ़ाया हुआ था। इसके लिए दुकान के साथ रास्ता कवर किया हुआ था। प्रशासन ने गैरकानूनी रूप से खड़ी की गई दीवार को तोड़ दिया था। एप्लिकेशन के मुताबिक केमिस्ट को फरवरी, 1993 में शॉप अलॉट हुई थी। फिजिकल इंस्पेक्शन के दौरान बिना कोई आपत्ति जताए कई बार लीज बढ़ाई गई।

वहीं दूसरी ओर, प्रशासन ने कहा कि केमिस्ट द्वारा मौजूदा केस दायर करना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। वहीं कहा गया कि लीज डीड को टर्मिनेट कर दिया गया था। ऐसे में मकान मालिक और किराएदार का रिश्ता खत्म हो चुका है।वह अवैध रूप से कब्जा किए हुए है।