खुंखार हत्यारा मामा अभी तक फरार:चंडीगढ़ में भांजी की हत्या की थी; पत्नी-सास को भी मार चुका; पुलिस इनाम घोषित कर भूली

चंडीगढ़3 महीने पहले
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चंडीगढ़ पुलिस पिछले 6 महीने से एक खुंखार हत्यारे को पकड़ने में नाकाम रही है। हत्यारोपी मामा ने सेक्टर 41 में अपनी 22 वर्षीय भांजी की चाकू से गोद हत्या कर दी थी। वहीं वह हरियाणा में अपनी पत्नी और सास की भी तेजधार हथियार से हत्या कर चुका है।

5 महीने तक उसे गिरफ्तार करने में नाकाम रही पुलिस ने पिछले महीने ही उस पर 50 हजार रुपए का इनाम रखा था। सेक्टर 39 थाना पुलिस ने यह केस दर्ज किया था। पुलिस ने लोगों से हत्यारे का सुराग देने की अपील की हुई है।

आरोपी मूलरुप से हरियाणा के झज्जर का रहने वाला है। सेक्टर 39 थाने में बीते वर्ष 20 अगस्त को IPC की धारा 302 के तहत उसके खिलाफ केस दर्ज है। पुलिस के मुताबिक आरोपी हत्यारोपी सतबीर सिंह उर्फ गुलिया (46) अपनी पहचान छिपाने के लिए गंजा होकर, टोपी या विग भी पहन लेता है। वहीं वह बाबा के भेष में भी दिख सकता है।

इसलिए की थी हत्या
पुलिस का कहना है कि आरोपी अंजलि की पुरुष मित्रों से दोस्ती को लेकर नाराज था। घटना के दौरान स्टूडेंट की मां निर्मला देवी और भाई दीपक (20) भी घर पर ही था। सुबह लगभग साढ़े 5 बजे यह हत्या हुई थी। अंजलि को मारने से पहले आरोपी सतबीर ने दीपक के कमरे की बाहर से कुंडी लगा दी थी। AG कॉलोनी, सेक्टर 41 में यह वारदात हुई थी। अंजलि के गले पर चाकू से वार किए गए थे। अंजलि पंजाब यूनिवर्सिटी से अपनी ग्रेजुएशन के साथ ही NEET परीक्षा की भी तैयारी कर रही थी।

चाय बना रही थी मां
जब आरोपी अंजलि की हत्या कर रहा था तो निर्मला किचन में चाय बना रही थी। घटना के 2 से 3 दिन पहले आरोपी अचानक निर्मला के घर रहने आया था। दीपक ने पुलिस को बताया था कि घटना के समय वह सो रहा था और अपनी बहन की चीखें सुनी। उसके कमरे का दरवाजा बाहर से लॉक था और उसकी मां ने दरवाजा खोला। दीपक ने अपनी बहन को बचाने के लिए कमरे से बाहर आने को लेकर शीशा भी तोड़ा। इसमें उसके हाथ में चोट लगी थी। अंजलि के पिता जगदीश मलिक की हिसार में एक सड़क हादसे में पहले ही मौत हो चुकी है। वह AG ऑफिस, हरियाणा में सीनियर ऑडिटर थे।

पत्नी और सास की भी हत्या कर चुका
आरोपी पर झज्जर में भी वर्ष 2008 में भी डबल मर्डर का केस दर्ज हुआ था। जानकारी के मुताबिक, उसने अपनी पत्नी सुषमा देवी और सास कमला देवी की तेजधार हथियार से हत्या की थी। 25 फरवरी, 2011 में उसे दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जमानत पर बाहर आकर उसने बेल जंप की थी।