चंडीगढ़ में जल्द ही टेनेंसी एक्ट लागू हो जाएगा। इससे मकान मालिक और किराएदारों के बीच झगड़े लगभग खत्म हो जाएगें। इससे अदालतों में चल रहे मकान मालिक-किराएदार के कानूनी विवाद भी काफी हद तक खत्म हो जाएगें। संसद के शीतकालीन सत्र में 'चंडीगढ़ टेनेंसी एक्ट' को अंतिम मंजूरी मिल जाने की संभावना है। यह सत्र 7 से 29 दिसंबर तक चलेगा। एक्ट लागू होने पर मकान मालिक नियमित किराया वसूल पाएंगे। यह दोनों पक्षों में संतुलन बनाएगा।
जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ की कुल आबादी का बड़ा हिस्सा किराएदार है। ऐसे में किराएदारों से जुड़ा यह एक्ट काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। चंडीगढ़ की कई रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन भी लंबे समय से इस एक्ट को चंडीगढ़ में लागू किए जाने की मांग कर रही हैं। इसी वर्ष फरवरी में चंडीगढ़ प्रशासन ने चंडीगढ़ टेनेंसी एक्ट को मंजूर किया था। इस एक्ट को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। अब इसे संसद में अंतिम मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
मालिकों की घबराहट खत्म होगी
चंडीगढ़ प्रशासन का कहना है कि यह एक्ट बनाया जाना लोगों की लंबित मांगों में से एक है। इसके लागू होने से शहर में किराएदार रखने की प्रक्रिया को नियमित किया जा सकेगा। इससे किराएदार-मकान मालिक के विवादों में कमी आएगी। चंडीगढ़ में एक्ट के न होने से कई मकान मालिक घबरा कर किराएदारों को नहीं रख पाते क्योंकि उन्हें मकान पर कब्जा होने का डर बना रहता है। मकान मालिक और किराएदारों के कई केस SDM कोर्ट से लेकर जिला अदालत और हाईकोर्ट तक में पेंडिंग हैं।
केंद्र का मॉडल एक्ट पसंद आया था
पिछले वर्ष जून में केंद्र ने नया मॉडल एक्ट बनाए जाने का प्रस्ताव पेश किया था। इसे जून, 2021 में कैबिनेट से मंजूरी मिली थी। इसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने इस मॉडल टेनेंसी एक्ट को अपनाने पर विचार किया। जिसके बाद फरवरी में चंडीगढ़ टेनेंसी एक्ट को मंजूरी के लिए केंद्र के पास भेजा था।
एक्ट से जुड़ी अहम जानकारियां
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