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बीजेपी में बागी होकर मेयर पद पर आजाद होकर नामांकन भरने वाली चंद्रावती शुक्ला और डिप्टी मेयर का कैंडिडेट नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे भरत कुमार को पार्टी ने मना ही लिया। सोमवार को भाजपा नेताओं को ‘आंखें’ दिखानी वाली चंद्रावती शुक्ला बुधवार को पार्टी मीटिंग में ‘विजयी चिह्न’ दिखाते नजर आईं।
बीजेपी के 19 काउंसलर बुधवार शाम 7 बजे पार्टी ऑफिस कमलम में हुई मीटिंग में एकसाथ विजयी चिह्न बनाते दिखे। हीरा नेगी कोरोना के चलते शामिल नहीं हो सकीं। बताया जा रहा है कि हीरा नेगी 8 जनवरी को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के चुनाव में हिस्सा लेंगी। चुनाव के दिन सांसद नहीं आ सकेंगी।, क्योंकि वे अस्पताल में दाखिल हैं।
यह दावा बुधवार को मीटिंग में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने बीजेपी काउंसलर्स की मीटिंग के दौरान किया। मीटिंग में संगठन मंत्री दिनेश कुमार जनरल सेक्रेटरी रामवीर भट्टी और चंद्रशेखर भी मौजूद थे। बीजेपी के नाराज काउंसलर के मना लिए जाने से कांग्रेस का गणित अब गड़बड़ा गया है। अभी भी वोट क्रॉस करवाने पर कांग्रेस की उम्मीद टिकी है।
अरुण सूद ने कहा कि मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद पर बीजेपी की जीत पक्की है। कांग्रेस के तीनों पदों के कैंडिडेट को पहले की भांति इस बार भी मुंह की खानी पड़ेगी। सूद के अनुसार सभी काउंसलर्स के साथ 7 जनवरी को प्रभारी दुष्यंत गौतम की मीटिंग होगी। मीटिंग में संगठन मंत्री दिनेश कुमार भी रहेंगे।
वोट क्रॉस रोकने में लगी बीजेपी...
बीजेपी को वोट क्रॉस होने का खतरा बना हुआ है। कई काउंसलर अंदरखाते पार्टी से नाराज हैं। किस काउंसलर ने वोट क्रॉस किया, यह जांच का विषय रहेगा। क्योंकि वोट क्रॉस करने वाला पकड़ में नहीं आएगा। इस बार मोबाइल फोन, पेन, रिंग या बटन में कैमरा लगाकर बैलेट पेपर की फोटो नहीं खींच सकेंगे। इसके लिए कांग्रेस ने बुधवार को ही प्रशासक वीपी सिंह बदनोर को लेटर लिख दिया है।
कांग्रेस पूरी तैयारी में लगी है कि बीजेपी के हर काउंसलर की स्कैनिंग हो। सभी से मोबाइल फोन या अन्य उपकरण निगम सदन से बाहर ही रखवाए जाएं। अगर ऐसा करवाने में कांग्रेस कामयाब हो गई तो बीजेपी से वोट क्रॉस करने वालों का कभी भी पता नहीं चल सकेगा। केवल शक ही करते रह जाएंगे।
चंद्रावती का नामाकंन खारिज हुआ ताे पार्टी मीटिंग में पहुंची
बीजेपी काउंसलर चंद्रावती शुक्ला ने 4 जनवरी को बागी होकर इंडिपेंडेट के तौर पर मेयर कैंडिडेट के लिए नामांकन भरा था। उनके नामांकन को कांग्रेस के देवेंद्र बबला ने प्रपोजर और सतीश कैंथ ने सेकंडर पर साइन किए थे। लेकिन 5 जनवरी को स्क्रूटनी के दौरान चंद्रावती का नामांकन खारिज कर दिया गया।
क्योंकि सतीश कैंथ ने देवेंद्र बबला के नामांकन के दूसरे सेट पर प्रपोजर के साइन किए थे और चंद्रावती के नामांकन पर सेकंडर थे। इस आधार पर चंद्रावती का नामांकन खारिज कर दिया था कि एक काउंसलर दो मेयर कैंडिडेट के नामांकन पर साइन नहीं कर सकता। चंद्रावती का नामांकन खारिज होने पर ही पार्टी काउंसलर के साथ बुधवार को मीटिंग में पहुंच गई। कह दिया कि कैंडिडेट को वोट देंगी।
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