पंजाब में सेवामुक्ति के बाद नौकरी पर रखे कर्मचारियों और अफसरों को हटाने पर CM चरणजीत चन्नी सरकार ने यू-टर्न लिया है। अब 3 नई शर्तें बनाकर उनकी नौकरी बरकरार रखी जा रही है। इससे पहले CM चन्नी ने युवाओं को नौकरी उपलब्ध कराने का दावा कर सबको हटाने की बात कही थी।
चन्नी सरकार की इन शर्तों में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट, सेंट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम या स्टेट स्कीम और किसी कानून के तहत स्थापित कमीशन में नियुक्ति की बात कही गई है। यह बात इसलिए अहम है क्योंकि पंजाब में ज्यादातर सेवामुक्त कर्मचारी इन्हीं स्कीमों के तहत रखे गए हैं।
पंजाब पुलिस में फंस रहा पेंच, DSP पर हुआ विवाद
पंजाब पुलिस में सेवामुक्त कर्मचारियों की नियुक्ति को तुरंत रद्द करने को लेकर पेंच फंसा रहा। डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा के हवाले से DGP इकबालप्रीत सहोता को भी इस बारे में पत्र भेजा गया कि वह ऐसे कर्मचारियों और अफसरों को तुरंत हटाएं। इसके बाद बठिंडा में हाल ही में चर्चित DSP गुरजीत रोमाणा को लेकर विवाद हो चुका है। सरकार के आदेश के बावजूद रोमाणा ड्यूटी करते रहे। यहां तक कि उनसे VIP विजिट का काम लिया जाता रहा। हालांकि विवाद बढ़ने पर सरकार को उन्हें हटाना पड़ा।
विधुरों को नौकरी की उम्र तय
पंजाब सरकार ने एक और अहम फैसला लेते हुए विधुरों को सरकारी नौकरी देने की अधिकतम उम्र 50 साल कर दी गई है। कुछ दिन पहले पंजाब में पत्नी की मौत के बाद पति को सरकारी नौकरी देने का कानून बनाया गया था। इससे पहले पति की मौत पर पत्नी ही नौकरी की हकदार रहती थी।
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