केंद्र सरकार के 3 कृषि कानून वापस लेने के फैसले का पंजाब से बड़ा रिएक्शन आ रहा है। पंजाब के सीएम चरणजीत चन्नी ने अन्नदाता को सलाम करते हुए कहा कि किसानों का संघर्ष पंजाब में शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि यह फैसला सबसे बड़े शांतिपूर्ण संघर्ष की जीत है।
वहीं, पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिद्धू ने कृषि कानून वापस होने के बहाने अपनी सरकार को फिर नसीहत दी। उन्होंने कहा कि खेती को पुनर्जीवित करने के लिए एक सही रोडमैप पंजाब सरकार की टॉप प्रायोरिटी होनी चाहिए।
1% लोगों के बजाय किसान और कारोबारियों को मिले फायदा
नवजोत सिद्धू ने कहा कि कृषि कानूनों को रद्द करना सही दिशा में उठाया कदम है। यह किसान मोर्चे के सत्याग्रह की ऐतिहासिक जीत है। उनकी कुर्बानी का मूल्य मिला है। नवजोत सिद्धू ने कहा कि एक फीसदी लोगों यानी कॉर्पेारेट घरानों की बजाय छोटे किसान, कारोबारी और लोगों को डेवलपमेंट के तौर पर लौटाना चाहिए। बाबा नानक के फलसफे के रास्ते पर चलकर सबका उत्थान करना चाहिए।
डिप्टी सीएम बोले- आंदोलन में मरे किसानों के परिवार का पुनर्वास करे केंद्र सरकार
डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि आज गुरूपर्व के दिन कृषि कानून वापस होने बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि 11 महीने से किसान संघर्ष कर रहे थे। इसे देर आए-दुरुस्त आए कहते हुए रंधावा ने कहा कि गुरुपर्व पर सरकार ने गलती कबूली और कानून वापस लिए, उसका मैं स्वागत करता हूं।
उन्होंने कहा कि जो करीब 700 लोग इसमें शहीद हुए हैं, केंद्र सरकार को पंजाब की तरह उनके पुनर्वास के लिए मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा पंजाब में बैसाखियों के सहारे चलती रही है। अब वह क्या चैलेंज बनेंगे। पंजाब में लोगों और राज्य का आर्थिक तौर बहुत नुकसान हुआ है।
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