पंजाब में कोरोना की बेकाबू रफ्तार को देखते हुए चुनाव आयोग ने चुनावी रैलियों और रोड शो पर लगी पाबंदी को बरकरार रखा है। यह रोक 31 जनवरी तक लागू रहेगी। हालांकि आयोग ने डोर-टू-डोर कैंपेन के लिए लोगों की संख्या 10 कर दी है, पहले यह 5 थी।
इनडोर में मीटिंग के लिए 500 या हॉल की क्षमता के अनुसार 50% तक की मंजूरी दी है। इसके लिए जिला चुनाव आयोग से पहले मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। मीटिंग के दौरान कोरोना के नियमों का पालन करना भी जरूरी है।
वहीं पंजाब में कोरोना के हालात इस कदर बिगड़े हुए हैं कि चुनावी रैलियों पर पाबंदी के बावजूद एक हफ्ते में कोरोना से 150 लोगों की मौत हो गई। वहीं 51 हजार नए मरीज मिले। आयोग ने पहले 8 और फिर 15 जनवरी को रैलियों-रोड शो पर पाबंदी लगा दी थी। जिसे अब 31 तक बढ़ा दिया गया है। पंजाब में 25 फरवरी से नामांकन शुरू होंगे, जबकि 20 फरवरी को मतदान होना है।
पढ़िए क्यों नहीं हटी रोक
पाबंदी के पहले और दूसरे हफ्ते में केस बढ़े, मौतें दोगुनी से ज्यादा
चुनाव आयोग ने पहले 8 जनवरी को चुनाव की घोषणा करते ही रैली और रोड शो पर पाबंदी लगा दी थी, जिसके बाद 15 जनवरी को इसे रिव्यू किया गया। तब एक हफ्ते में पंजाब में 32 हजार 200 केस मिले, जबकि 66 मरीजों की मौत हुई थी। 15 जनवरी को फिर आयोग ने रिव्यू करके बड़ी रैलियों पर पाबंदी जारी रखी। इसके बाद भी कोरोना का कहर नहीं थमा। इस दौरान भी 51 हजार से ज्यादा केस और 150 मौतें हो गई।
पिछली बार इनडोर मीटिंग की छूट मिली
पिछली बार आयोग ने रिव्यू के दौरान पंजाब में इनडोर में 300 लोगों की मीटिंग को छूट दे दी। हालांकि यह भी तय किया कि यह क्षमता हाल की 50% से अधिक नहीं होगी। इसी दौरान पंजाब सरकार ने भी रूटीन गैदरिंग के लिए इनडोर में 50 और आउटडोर में 100 लोगों की भीड़ तय कर दी।
राहत या चुनावी इलाज, एक हफ्ते में 36 हजार ठीक हुए
पंजाब में इस हफ्ते में एक और अनोखा आंकड़ा सामने आया है। जिस तेजी से मरीज कोरोना संक्रमित हुए, उसी के करीब ठीक होने वालों का भी आंकड़ा रहा। पंजाब में पिछले एक हफ्ते में 36 हजार 426 लोग ठीक हो गए। इसको लेकर चर्चा है कि वाकई लोग कोरोना से ठीक हुए या फिर चुनाव पर सवाल न हों, इसलिए मरीजों के ठीक होने में यह तेजी आई।
पंजाब में शुक्रवार को कोरोना मरीजों की स्थिति-
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