पंजाब में चुनाव से पहले कोरोना का खतरा बढ़ने लगा है। प्रदेश में ओमिक्रॉन का तीसरा मरीज मिला है। विदेश से लौटा यह मरीज पंजाब के फतेहगढ़ साहिब का रहने वाला है, जो दिल्ली से सीधे हिमाचल प्रदेश चला गया। इसकी सूचना तत्काल हिमाचल सरकार को भेजी गई और उसे हिमाचल के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पंजाब में टेस्टिंग बढ़ाते ही कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली है। शनिवार को 24 घंटे में कोरोना के 332 केस सामने आए। इसके बाद पंजाब में कोरोना के एक्टिव केसों की गिनती 1041 हो गई है। सबसे बुरी हालत पटियाला की है, जहां शनिवार को 98 मरीज मिले। शुक्रवार को यहां 71 मरीज मिले थे और एक की मौत हुई थी।
कोरोना हॉटस्पॉट बने पटियाला में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि थापर यूनिवर्सिटी में दो दिन पहले कोरोना के 57 केस सामने आए थे। इसके बावजूद यहां नए साल की पार्टी हुई। जिसमें स्टूडेंट्स बिना मास्क और सोशल डिस्टेंस के नजर आ रहे हैं।ऐसे में अब पंजाब में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा सताने लगा है।
10 से बढ़ाकर 16 हजार की टेस्टिंग
पंजाब सरकार ने चुनावी रैलियां करने के लिए राज्य में टेस्टिंग को 30 से घटाकर 10 हजार कर दिया था। जिससे कोरोना के मरीजों की गिनती 100 से कम रही। इसका खुलासा होने पर अब टेस्टिंग बढ़ाकर 16 हजार की तो एकदम से कोरोना के केस सामने आने लगे हैं। ओमिक्रॉन के खतरे के वक्त पंजाब सरकार ने दावा किया था कि रोजाना 40 हजार टेस्ट करेंगे, लेकिन कोरोना के केस ज्यादा न हों, इसलिए यह आदेश लागू नहीं किया गया।
पॉजीटिविटी रेट 2% के पार हुआ
पंजाब में कोरोना मरीजों की पॉजीटिविटी का रेट 2.02% हो चुका है। कोरोना के नए मामलों सबसे ज्यादा 98 पटियाला, पठानकोट में 53, लुधियाना में 37, जालंधर में 36, बठिंडा में 31, मोहाली में भी 31 मरीज मिले। बाकी जिलों में यह आंकड़ा 10 से कम है। हालांकि कई जिले ऐसे हैं, जहां कल टेस्टिंग नहीं की गई।
रिव्यू करना छोड़ CM चन्नी सियासी लड़ाई में उलझे
पंजाब में कोरोना केसों के बढ़ने पर पाबंदियों के अलावा इलाज और टेस्टिंग इंतजाम के लिए रिव्यू कमेटी बनी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के बदलने के बाद इसकी मीटिंग नहीं हुई। इसके उलट CM चरणजीत चन्नी सियासी लड़ाई में उलझे हैं। उन्होंने दावा तो जरूर किया कि हम तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसी बहाने आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को घेरने से नहीं चूके। चन्नी ने कहा कि केजरीवाल का हेल्थ मॉडल कोरोना की पहली और दूसरी लहर को नहीं रोक सका।
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