हरियाणा में इस बार डेंगू का वेरिएंट बदल रहा है, इस बार सक्रिय डी-2 वेरिएंट अन्य से खतरनाक है। यही वजह है कि 7 वर्षों में सबसे ज्यादा जानें मच्छर के डंक ने इसी साल ली हैं। यह स्टेन पिछले साल ही प्रदेश में आ चुका था और 2016 से जीरो चल रहा मौतों का आंकड़ा 13 पर पहुंच गया था।
इस बार डेंगू से 14 लोगों की जान जा चुकी है। यह आंकड़ा विभाग का है। विभाग खुद भी यह अनुमान लगा रहा है कि कुछ ऐसे लोग भी हो सकते हैं, जिनकी जांच ही नहीं हुई। वहीं पंजाब में डेंगू से इस साल अब तक 16 मौतें हुई हैं, जबकि पिछले साल 55 मौतें हुई थीं।
हरियाणा में पंचकूला व हिसार में सबसे ज्यादा केस
हरियाणा में सबसे ज्यादा 1935 केस पंचकूला व 1533 केस हिसार में मिले हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पंचकूला में हिमाचल के साथ लगते इलाकों में पानी की अधिकता है। हिसार में बरसाती पानी की निकासी का प्रबंध पर्याप्त नहीं है।
क्योंकि प्लेटलेट्स एकसाथ डाउन
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि डेंगू का डी-2 सबसे ज्यादा घातक है। इससे प्लेटलेट एक साथ डाउन होती है, किडनी पर असर पड़ता है। समय पर संभाल नहीं होती है तो व्यक्ति की मौत हो सकती है। प्लेटलेट डाउन होने पर किडनी के अलावा यह नसों को कमजोर कर देता है। तेज बुखार होता है और ब्लीडिंग होने लगती है।
पंजाब में अब तक डेंगू से 16 मरीजों की मौत हुई है। जबकि पिछले साल डेंगू से 55 मौतें हुई थीं। इसलिए फिलहाल स्थिति काबू में है। परंतु अधिकारी अपनी मुस्तैदी को ढीला न पड़ने दें। फॉगिंग को और तेज किया जाए।
-चेतन सिंह जौड़ामाजरा, स्वास्थ्य मंत्री, पंजाब
हरियाणा में डेंगू की रोकथाम के लिए टीमें लगी हुई है। फॉगिंग कराई जा रही है। घर-घर जाकर लारवा को खत्म किया जा रहा है। नोटिस दिए जा रहे हैं। डी-2 वैरिएंट घातक है।
-डॉ. राकेश सैनी, डिप्टी डायरेक्टर, स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा
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