पंजाब और दिल्ली के एजुकेशन मॉडल की बहस में शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने स्कूलों की लिस्ट जारी नहीं की है। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया 250 स्कूलों की लिस्ट जारी कर चुके हैं। इसके बाद उन्होंने परगट सिंह को रविवार शाम तक लिस्ट देने को कहा था।
इसके जवाब में अब परगट ने कहा कि दिल्ली और पंजाब के हालात अलग हैं। वह म्यूनिसपैलिटी (नगर पालिका) चला रहे हैं और हम एक पूरा राज्य। जिसके बॉर्डर पाकिस्तान से सटे हुए हैं। परगट ने कहा कि दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल और सिसौदिया मेरे लाइफस्टाइल पर डिबेट कर लें। वह आम नहीं बल्कि खास आदमी हैं, जो बहुरूपिए बनकर लोगों को धोखा दे रहे हैं।
पंजाब में दिल्ली से 20 गुना स्कूल
शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने कहा कि दिल्ली के मुकाबले पंजाब में 20 गुना स्कूल हैं। कुछ स्कूल बॉर्डर एरिया में हैं। जहां कई बार स्कूल बंद करने पड़ते हैं। कई स्कूल ऐसे हैं, जहां पहुंचने के लिए दरिया पार करना पड़ता है। हमने वहां भी एजुकेशन पहुंचाई। परगट ने कहा कि आम आदमी पार्टी वाले सिर्फ प्रचार में माहिर हैं। दिल्ली में AAP की सरकार के बाद विज्ञापन खर्च 20 करोड़ से 200 करोड़ हो गया। वह सोशल मीडिया के जरिए सिर्फ अपनी वाहवाही करते हैं।
परगट ने कबूला था सिसौदिया का चैलेंज
आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अमृतसर में टीचरों को 8 गारंटी दी थी। जिसे देख परगट ने केजरी पर हमला किया कि पंजाब ने स्कूल एजुकेशन के नेशनल परफार्मेंस ग्रेड इंडेक्स (NPGI) में टॉप किया है। दिल्ली के मुकाबले पंजाब पढ़ाई से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर तक पहले नंबर पर रहा है। दिल्ली छठे नंबर पर है। जिसके बाद दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय संभाल रहे सिसौदिया ने परगट को खुली बहस की चुनौती दी। जिसे परगट ने कबूला लेकिन 10 की जगह 250 स्कूलों पर बहस की बात कही। सिसौदिया ने रविवार दोपहर 250 स्कूलों की लिस्ट जारी कर दी।
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