चंडीगढ़ समेत पंचकूला और मोहाली में इस सीजन में डेंगू और चिकनगुनिया के कई केस सामने आ चुके हैं। वहीं इन दोनों बीमारियों(वायरस) को लेकर चंडीगढ़ PGI के वॉयरोलॉजी विभाग ने अहम जानकारी दी है। इसके मुताबिक एडिस एजिप्टी मच्छर एक ही समय में डेंगू और चिकनगुनिया फैला रहा है।
इस वेक्टर-बोर्न बीमारी में एक ही वेक्टर (रोग फैलाने वाला बैक्टीरिया) लोगों में डेंगू और चिकनगुनिया फैला कर बीमार कर रहा है। बता दें कि शहर में अभी तक सीजन में डेंगू के 839 और चिकनगुनिया के 101 केस सामने आ चुके हैं। वहीं इनके अलावा कई अनरजिस्टर्ड केस भी हैं। इनमें मरीज स्थानीय क्लिनिक या केमिस्ट शॉप से दवाई ले रहे हैं।
वायरोलॉजी विभाग के मुताबिक इस सीजन में एडिस मच्छर कुछ केसों में डेंगू और चिकनगुनिया एक साथ फैला रहा है और कुछ केसों में एक डेंगू या चिकनगुनिया फैला रहा है। हालांकि इस प्रकार दोनों बीमारियां फैलाने का प्रतिशत कम है। व्यक्ति में यह दोनों वायरल इन्फेक्शन एक साथ तब होते हैं जब एडिस मच्छर दोनों प्रकार के वायरस से ग्रसित हो या दो अलग प्रकार के मच्छर व्यक्ति को काटे जो डेंगू और चिकनगुनिया के वाहक हों।
एक बाइट में ही लार से दोनों वायरस फैलते हैं
वायरोलॉजी विभाग का कहना है कि एडिस मच्छरों की प्रजाति ही डेंगू और चिकनगुनिया फैला रही है। यह वायरस(डेंगू और चिकनगुनिया) मच्छर में अपनी छवि तैयार कर लेते हैं और कर लेते हैं। इससे दोनों वायरस मिश्रित रुप से मच्छर की लार के जरिए व्यक्ति को काटने पर उसमें फैल जाते हैं। वहीं विभाग के मुताबिक डेंगू का वायरस फैलाने वाले मच्छर में चिकनगुनिया के रूप में दूसरा वायरस आ सकता है।
दोनों वायरस को मच्छर 'पनाह' देता है
एडिस एजिप्टी मच्छर डेंगू फैलाने वाली प्राथमिक वेक्टर प्रजाति है। वहीं इस मच्छर में इतनी क्षमता होती है कि यह चिकनगुनिया का वायरस अपने अंदर पैदा कर इसे आगे फैला सकता है। वहीं कई बार यह मच्छर दोनों वायरस को अपने भीतर पनाह देता है। यह मच्छर दिन के समय काटता है और ज्यादातर सुबह और शाम के घंटों में काटता है। लोगों के घरों और इसके आसपास यह ब्रीडिंग करता है।
यह लक्षण दिखते हैं मरीज में
चिकनगुनिया और डेंगू में मरीज में लगभग एक से लक्षण देखने को मिलते हैं। इनमें तेज बुखार, सिर दर्द, जी मचलाना और उल्टी होना, शरीर में खारिश और दर्द होना शामिल हैं। वहीं चिकनगुनिया में जोड़ों में दर्द भी हो रहा है। यह दर्द कई महीनों में ठीक हो रहा है। वहीं गंभीर चिकनगुनिया केसों में न्यूरोलॉजिकल और नेत्र संबंधी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं। एक ओर जहां चिकनगुनिया आमतौर पर जानलेवा नहीं होता वहीं डेंगू से मरीज की जान तक जा सकती है। इसमें शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं।
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