पंजाब के नए DGP का फैसला 4 जनवरी को होगा। UPSC ने अफसरों का पैनल बनाने के लिए मीटिंग बुला ली है। हालांकि इस बार पैनल की कट आफ डेट को लेकर UPSC ने चुप्पी साधी है। ऐसे में संभव है कि DGP दिनकर गुप्ता को हटाने वाली तारीख से ही नए डीजीपी का फैसला होगा।
जानकार भी मानते हैं कि UPSC शायद ही तय नियमों के उलट चले। अगर ऐसा हुआ तो फिर मौजूदा कार्यकारी डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की जगह नए अफसर की तैनाती हो सकती है। पंजाब में चुनाव से पहले परमानेंट डीजीपी लगना तय है। इस रेस में वीके भवरा सबसे आगे चल रहे हैं।
डीजीपी के खाली पद पर सरकार-यूपीएससी आमने-सामने
कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाने के बाद चरणजीत चन्नी नए मुख्यमंत्री बन गए। जिसके बाद तय था कि कैप्टन के करीबी रहे दिनकर गुप्ता की डीजीपी पद से छुट्टी तय है। इसलिए दिनकर छुट्टी पर चले गए। सरकार ने उन्हें हटाने में देरी कर दी। हालांकि अफसरों की लिस्ट 30 सितंबर को यूपीएससी को भेजी गई। वहीं, डीजीपी का पद 5 अक्टूबर को खाली हुआ, जब सरकार ने दिनकर को इस पद से हटाया। ऐसे में यूपीएससी 5 अक्टूबर के हिसाब से चल रही है। इसको लेकर दोनों के बीच लेटर वार भी चल चुकी है।
30 सितंबर और 5 अक्टूबर का क्या असर?
अगर चन्नी सरकार के 30 सितंबर को माना गया तो सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ही परमानेंट डीजीपी बन सकते हैं। यूपीएससी टॉप थ्री अफसर में चट्टोपाध्याय के साथ दिनकर गुप्ता और प्रबोध कुमार के नाम भेज सकती है। दिनकर और प्रबोध केंद्र में जाने की तैयारी में हैं। ऐसे में चट्टोपाध्याय ही बचेंगे।
हालांकि अगर UPSC ने 5 अक्टूबर को सही माना तो फिर चट्टोपाध्याय बाहर हो जाएंगे क्योंकि उनकी सेवामुक्त 31 मार्च 2022 को है। ऐसे में वह परमानेंट डीजीपी के लिए न्यूनतम 6 महीने का कार्यकाल बचा होने की शर्त पूरी नहीं करते। जो 30 सितंबर के हिसाब से पूरी होती है। ऐसे में वीके भवरा नए डीजीपी हो सकते हैं। भवरा 2019 का लोकसभा चुनाव भी करवा चुके हैं। कार्यकारी डीजीपी के सिर पर चुनाव आयोग के पंजाब विधानसभा चुनाव करवाने के आसार कम हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.