निर्वाचन आयोग ने पंजाब में विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है। सूबे में वेलेंटाइन-डे के दिन 14 फरवरी को एक ही चरण में विधानसभा चुनाव होंगे। पंजाब में चुनाव के लिए नोटिफिकेशन 21 जनवरी को जारी होगा। 28 जनवरी तक नामांकन कर सकेंगे, 29 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 31 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 10 मार्च को चुनावी नतीजे आएंगे।
आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव और उनके प्रबंधों की जानकारी देते हुए बताया कि कोविड सेफ चुनाव होंगे। सभी उम्मीदवारों के लिए ऑनलाइन नामांकन की सुविधा रहेगी। वहीं 15 जनवरी तक किसी प्रकार की रैली, नुक्कड़ सभा जैसी गतिविधियों की अनुमति नहीं रहेगी। ताजा आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में 82 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज और 46 फीसदी को दूसरी डोज लग चुकी है। राज्य में 2.1 फीसदी कोरोना पॉजीटिविटी रेट है।
पंजाब में विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च 2022 को पूरा हो रहा है। चुनावों में इस बार मुख्य रूप से कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, भारतीय जनता पार्टी और कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी का गठबंधन सक्रिय है। वहीं आंदोलन खत्म होने के बाद पंजाब के 22 किसान संगठनों ने भी अलग मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
राजनीतिक दलों में दो बड़े गठबंधन
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरी है। वहीं भारतीय जनता पार्टी भी कांग्रेस छोड़ने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी से गठजोड़ कर चुनावी दंगल में है। अभी तक कैप्टन की नई पार्टी को चुनाव आयोग से मान्यता नहीं मिली है, इसलिए अमरिंदर सिंह की ओर से सुझाए गए उम्मीदवार भाजपा के चुनाव चिह्न पर ही चुनाव लड़ सकते हैं। दूसरी ओर सत्ताधारी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी बिना किसी अन्य दल से समझौता या गठबंधन किए अकेले ही चुनाव में मैदान में हैं।
कोरोना महामारी को देखते हुए कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार पंजाब में चुनाव कई चरणों में हो सकते हैं। हालांकि ऐसा नहीं हुआ और आयोग ने एक ही चरण में 14 फरवरी को चुनाव कराने का ऐलान किया।
सूबे में कोरोना के मामले लगातार बढ़े जा रहे हैं। कोरोना ने अब राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के घर पर दस्तक दे दी है। मुख्यमंत्री के परिवार के भी तीन सदस्य कोरोना पॉजिटिव आ गए हैं। घर से करीब एक हफ्ते से दूर रहने के कारण उनकी अपनी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्होंने फिलहाल स्वयं को अपने सरकारी आवास पर क्वारैंटाइन कर लिया है। अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर कैंप ऑफिस से सारे सरकारी कामकाज निपटा रहे हैं।
पंजाब में 59 है बहुमत का आंकड़ा
गौरतलब है कि 2017 में हुए चुनाव के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 17 मार्च, 2017 को पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 17 मार्च, 2022 को पूरा हो रहा है। पंजाब विधानसभा में 117 विधानसभा क्षेत्र हैं और चुनाव जीतने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को 59 का आंकड़ा हासिल करना होता है। चुनाव में जो भी राजनीतिक दल या गठबंधन 59 या इससे अधिक सीटें जीत लेती है, वो पंजाब में अपनी सरकार बनाती है।
22 किसान संगठन भी मैदान में
वहीं नए कृषि कानून रद्द होने के बाद स्थगित हुए किसान आंदोलन में भाग लेने वाले पंजाब के 22 किसान संगठन भी चुनाव मैदान में है। किसान संगठनों ने अपना अलग संयुक्त समाज मोर्चा बनाया है। वहीं आम आदमी पार्टी के साथ भी इनके गठबंधन की चर्चाएं गर्म हैं।
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