चंडीगढ़ में 24 अक्तूबर को दिवाली पर दिए जलेंगे, लेकिन बिजली शिकायत केंद्रों पर इस दिन विभाग के अफसरों के पुतले जलाए जाएंगे। चंडीगढ़ में बिजली विभाग की कर्मचारी यूनियन ने यह फैसला लिया है। यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी का कहना है कि प्रशासन उनकी मांगों को नहीं सुन रहा है। ऐसे में वह फिर से संघर्ष शुरू करने जा रहे हैं।
बताया गया है कि विभाग ो अफसरों के अड़ियल व नकारात्मक रवैये के खिलाफ दिवाली वाले दिन विशेष ड्यूटी का बहिष्कार किया जााएगा। वहीं चारों एग्जीक्यूटिव इंजीनियर्स के अधीन चल रहे 14 बिजली शिकायत केन्द्रों पर दिए जलाने की बजाय अधिकारियों के पुतले जलाकर विरोध किया जाएगा।
इन मांगों को पूरा किए जाने की मांग है
यूनियन का कहना है कि प्रशासन के सभी विभागों में संशोधित वेतन लागू हो चुका है और 1 जनवरी, 2016 से एरियर का भुगतान भी हो चुका है। वहीं बिजली विभाग के कर्मचारियों के मामले में दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। अभी भी 30 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों का वेतन संशोधित नहीं किया है। सभी ग्रुप ए व ग्रुप बी के अधिकारी एरियर ले चुके हैं, लेकिन सी व डी ग्रुप के कर्मचारियों का एरियर रुका हुआ है।
यूनियन का कहना है कि नियमित कर्मचारियों की गिनती संशोधित पोस्टों के एक तिहाई से भी कम रह गई है। 1780 संशोधित पदों पर सिर्फ 600 नियमित कर्मचारी ही काम कर रहे हैं। विभिन्न श्रेणियों में 450 से अधिक कर्मचारी जैम पोर्टल में रजिस्टर्ड ठेकेदारों के जरिए रखे गए हैं।
मांग की कि संशोधित पदों पर काम कर रहे व 3 साल पूरे कर चुके आउटसोर्स कर्मचारियों को सीधे विभाग के अधीन किया जाए तथा सभी विभागीय प्रक्रिया पूरी कर चुके कर्मचारियों को पक्का किया जाए। इसके अलावा सुरक्षा उपकरण देने, प्रोवेशन क्लीयर करने, वर्दियां देने व मृतक कर्मचारियों के वारिसों को पेंशन व ग्रैचुइटी के लंबित मामले निपटाए जाएं।
फरवरी में भी हड़ताल पर रहे थे कर्मचारी
बता दें कि इससे पहले बिजली विभाग के कर्मचारी फरवरी में विभाग के निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर चले गए थे। इसके चलते शहर में 3 दिन बिजली गुल रही थी। मामला हाईकोर्ट तक जा पहुंचा था। प्रशासन के साथ सहमति बनने पर कर्मचारी काम पर लौट आए थे। वहीं कई कर्मचारियों पर FIR दर्ज कर दी गई और कुछ ठेका कर्मियों को नौकरी से निकाला गया। कुछ को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। इस कार्रवाई को भी वापस लेने की मांग की जा रही है।
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