कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए तरह-तरह के नुस्खों के दावे किए जा रहे हैं। साेशल मीडिया पर अनगिनत नुस्खे हैं। इन्हीं में से एक यह है कि कोरोना वायरस को अल्ट्रावायलेट किरणों से नष्ट किया जा सकता है। हालांकि अल्ट्रा वायलेट किरणााें के इस्तेमाल वर्षों से कीटनाशकों काने नष्ट करने के लिए किया जा रहा है। इंसानों पर अल्ट्रा वायलेट किरणों का विपरीत असर पड़ता है। इससे स्किन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। इंटरनेट पर हर मामलों के जानकार मौजूद हैं। ऐसे ही विशेषज्ञ लोगों को यूवी लाइट से वायरस इंफेक्शन खत्म करने की सलाह दे रहे हैं।
पीजीआई की डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी की एडीशनल प्रो. मनीषा बिस्वाह कहती हैं कि अल्ट्रा वायलेट किरणों से वायरस नष्ट हो जाता है, लेकिन यह किरणें मानव शरीर के घातक सिद्ध हो सकती हैं। कई लोगों के जहन में सवाल है कि चूंकि सूरज की किरणों में अल्ट्रावायलेट किरणें भी शामिल होती हैं, तो क्या सूरज की रोशनी में खड़े होने से ये नया कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा? विशेषज्ञ इस सवाल का जवाब न में देते हैं। उनका तर्क है कि सूरज की रोशनी में तीन तरह की अल्ट्रा वायलेट किरणें होती हैं। यह यूवीए से सूरज के जरिए धरती पर पहुंचने वाली सबसे अधिक अल्ट्रा वायलेट किरण होती हैं ये इतनी शक्तिशाली होती है कि हमारी स्किन में सुराख कर उसमें चली जाती हैं, यहां तक कि हमारे डीएनए को भी इनसे नुकसान पहुंचता है।
कोरोना का भय इस कदर है कि आज आज, यूवी किरणों के ज़रिए हॉस्पिटल, एयरपोर्ट्स, दफ्तरों और कारखानों में लगभग रोजना इन किरणों का प्रयोग कीटनाशक के तौर पर हो रहा है। हालांकि, अब तक नए कोरोना वायरस पर यूवीसी यानी अल्ट्रा वायलेट सी किरणों के प्रभाव पर बहुत अध्ययन नहीं किया गया है। इन अध्ययनों से पता ये चलता है कि अल्ट्रा वायलेट सी किरणों से सार्स कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है। सार्स वायरस पर अल्ट्रावायलेट किरणों के असर को देखते हुए, चीन में कोविड-19 से निपटने के लिए भी इन किरणों का प्रयोग किया गया है। इसी तरह अस्पतालों में रोबोट के जरिए अल्ट्रा वायलेट किरणों से सेनेटाइजेशन की प्रक्रिया पूरी की जाती है। यहां तक कि कई बैंक भी अपने पैसे को
सेनेटाइज करने के लिए अल्ट्रा वायलेट किरणें इस्तेमाल करते हैं। हाल के दिनों में अल्ट्रा वायलेट उपकरण बेचने वाली कंपनियों के उत्पादों की मांग बेतहाशा बढ़ गई है। मगर, ऐसा नहीं है कि यूवी सी किरणों से हम नए कोरोना वायरस को मार सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सख्त चेतावनी जारी की है कि आप अपने हाथों को कीटाणु मुक्त करने के लिए इन किरणों का इस्तेमाल न करें।
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