कोविड-19 ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है और कोई भी इससे अछूता नहीं रहा है। इसने फुटबॉल को भी खासा प्रभावित किया और प्लेयर्स मैदान पर नहीं आ पाए। अब प्लेयर्स मैदान पर आ रहे हैं और फीफा ने खेल व खिलाड़ियों का खास ध्यान रखने का फैसला किया है। फीफा ने सभी के लिए एक खास तरह का ऑनलाइन डिप्लोमा करना जरूरी किया जो हाइजीन कायम रखने के लिए है।
यह कार्यक्रम विशेष रूप से स्वच्छता कार्यान्वयन अधिकारियों के लिए बनाया गया है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए प्रभारी हैं कि फीफा द्वारा निर्धारित स्वच्छता उपायों, या संघों और बंधित स्थानीय अधिकारियों को आधिकारिक साइटों, प्रशिक्षण सुविधाओं पर लागू किया जाता है।
मिनर्वा एकेडमी ने भी इस फैसले का स्वागत किया और अपने सभी कोचेज को इसे करने के लिए कहा। स्वच्छता कार्यान्वयन अधिकारी की भूमिका कोविड-19 निवारक उपायों और प्रोटोकॉल के अपने उत्तरदायित्व के क्षेत्र में सख्ती से कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है जो आधिकारिक साइट या ट्रेनिंग ग्राउंड पर हो सकते हैं।
एकेडमी के ओनर रंजीत बजाज ने कहा कि मैनेजमेंट ने फैसला किया कि उनके कोचेज को भी अपडेट होना चाहिए और इस नए कोर्स को करना चाहिए। ये बेहद जरूरी था कि कोच को इस बात की जानकारी हो कि कैसे इस तरह के वायरस से बचा जा सकता है। इसके प्रोटोकोल क्या हैं और खास तौर पर लोकल एथॉरिटी इससे लोगों को बचाने के लिए क्या कर रही हैं।
लगातार लड़ रहा है मिनर्वा
बजाज ने कहा कि मिनर्वा एकेडमी एफसी अपने तरीके से वैश्विक महामारी से लड़ रही है। केंद्रीय सरकार द्वारा देश भर में घोषित किए गए लॉकडाउन के पहले चरण में क्लब ने पूर्ण लॉकडाउन लागू किया। क्लब के कर्मचारी दो बार स्थानीय ब्लड बैंक पहुंचे और ब्लड डोनेट किया। उस दौरान ब्लड की काफी कमी देखने को मिल रही थी। सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य आदेशों की पालना करते हुए सभी कोच और कर्मचारियों ने लोगों के लिए ब्लड डोनेट किया। क्लब ने प्रधान मंत्री देखभाल कोष को भी दान दिया और महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार के धन को भी दान किया।
एसओपी को किया जा रहा फॉलो
क्लब ने हाल ही में केंद्र सरकार के आदेशों के बाद खिलाड़ियों, कोचों और कर्मचारियों के लिए अपने दरवाजे खोले। क्लब ने ग्राउंड और ऑफिस को पूरी तरह से सैनिटाइज किया। क्लब ने कोचेज के लिए "कोविड सेफ स्पोर्ट्स कोच" सर्टिफिकेशन को पूरा करना भी अनिवार्य कर दिया। क्लब सरकार द्वारा जारी किए गए एसओपी का कड़ाई से पालन कर रहा है जिसे भारतीय सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया है।
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