बेअदबी की घटनाओं की जांच सीबीआई से वापस लेने संबंधी नोटिफिकेशन को चुनौती देती याचिका पर जवाब पेश करने के लिए पंजाब सरकार ने आज समय मांग लिया। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में सिरसा डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम सिंह ने यह याचिका दायर की हुई है। अब केस की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। मामले में पंजाब सरकार, केंद्र और सीबीआई को पार्टी बनाया गया है। मामले में पंजाब सरकार की ओर से दलीलें पेश की जाएंगी।
पंजाब सरकार की 6 सितंबर, 2018 की नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग है। नोटिफिकेशन में सीबीआई को बेअदबी घटनाओं को लेकर दर्ज 3 FIR की जांच सौंपने की सहमति को रद्द किया गया था। राज्य में कांग्रेस सरकार आने के बाद यह सहमति रद्द की गई थी। 2015 में दर्ज यह तीनों एफआईआर नंबर 63, 117 और 128 बाजाखाना थाने में दर्ज की गई थी।
यह मांग की है डेरा मुखी ने
डेरा मुखी की तरफ से कहा गया है कि सरकार ने गैरकानूनी ढंग से सहमति को रद्द किया। ऐसे में सीबीआई को आदेश दिए जाए कि तीनों एफआईआर में अपनी जांच को जारी रखे। नोटिफिकेशन रद्द करने के बाद पंजाब पुलिस की एसआईटी द्वारा तीनों एफआईआर में शुरू की कई जांच पर भी रोक लगाई जाए। मामलों की निष्पक्ष जांच हो। किसी भी तरह के राजनीतिक प्रतिशोध के तहत दुर्भावना से प्रेरित जांच न की जाए।
हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल चुकी है
डेरा मुखी ने पंजाब पुलिस द्वारा बेअदबी मामलों की जांच के लिए फरीदकोट कोर्ट द्वारा जारी प्रोडक्शन वारंट को भी चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने उन वारंट पर रोक लगा दी थी। एसआईटी डेरा मुखी को पंजाब लाकर पूछताछ करना चाहती थी, लेकिन इस मांग को रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने सुनारिया जेल में ही पूछताछ करने की मंजूरी दी थी। वहीं अपने ताजा आदेशों में हाईकोर्ट ने साफ किया कि डेरा मुखी के खिलाफ बेअदबी मामलों का पूरा ट्रायल विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही पूरा हो। दरअसल डेरा मुखी ने पंजाब में अपनी जान को खतरा बताया था।
बेअदबी के इन केसों में डेरा मुखी आरोपी
बेअदबी के जो मामले पंजाब पुलिस ने दर्ज किए थे, वह जून से अक्तूबर, 2015 के हैं।
पहला केस 2 जून, 2015 को धार्मिक भावनाओं को भड़काने और चोरी की धारा में दर्ज हुआ था। यह 63 नंबर एफआईआर गांव बुर्ज जवाहर सिंह के गुरुद्वारा सिंह साहब के ग्रंथी गोरा सिंह की शिकायत पर दर्ज हुई थी। घटना में एक धार्मिक ग्रंथ के पावन स्वरूप चोरी हो गए थे।
बेअदबी के दूसरे मामले में 24 और 25 सितंबर, 2015 को बरगाड़ी में एसजीपीसी द्वारा प्रबंधित गुरुद्वारे के बाहर धार्मिक ग्रंथ और धर्म विशेष के खिलाफ अपमान जनक शब्दावली वाले पोस्टर लगे मिले थे। जिसे लेकर धार्मिक भावनाएं भड़काने की धारा में 117 नंबर एफआईआर दर्ज हुई थी।
12 अक्तूबर, 2015 को धार्मिक भावनाएं भड़काने और आपराधिक साजिश रचने की धारा में 128 नंबर एफआईआर दर्ज हुई थी। बरगाड़ी गुरुद्वारे के आसपास धार्मिक ग्रंथ के कुछ पन्ने बिखरे हुए थे। इस घटना ने धर्म विशेष के लोगों में काफी रोष फैलाया और प्रदर्शन हुए थे। कोटकपूरा और बहबल कलां में प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की घटनाएं हुई। इसे लेकर बाजाखाना थाने में दो एफआईआर 129 और 130 दर्ज की गई।
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