हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को प्रेस वार्ता में कहा कि मैंने विधानसभा अध्यक्ष से सेशन बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन मेरी मांग पर विचार नहीं किया गया। हुड्डा ने कहा कि डेंटल सर्जन स्कैम में जितना पैसा एचपीएससी के कार्यालय में मिला। ऐसे में चेयरमैन पर अंगुली उठना स्वाभाविक है, लेकिन सरकार से निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होगी। इसकी जांच हाइकोर्ट के सीटिंग जज से होनी चाहिए।
आज इस मामले को पूरा देश देख रहा है। विश्वविद्यालय में भर्ती को लेकर पांच सदस्य कमेटी बनाने का फैसला किया गया। सदन में सरकार अपनी जिम्मेदारी से भागती रही। कोई भी तसल्ली बख्श जवाब नहीं दे पाई। सरकार के सदस्य ही सीएम की घोषणाओं के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। कभी प्रदेश प्रति व्यक्ति आय में नंबर वन था। आज बेरोजगारी और क्राइम में नंबर वन है।
हुड्डा ने कहा कि जो मुझे वॉट्सऐप पर चैट भेजी थी, सरकार इसकी जांच करें। सरकार कॉल डिटेल क्यों नहीं निकालती। सरकार यदि साफ है तो सीबीआई इन्क्वायरी से डरती क्यों है। आज रोडवेज का बेड़ा केवल तीन हजार बसों का रह गया है। पूर्व सीएम ने कहा कि किसानों को पूरा मुआवजा नहीं मिला। सरकार से सब वर्ग असंतुष्ट है, परंतु सरकार सुनवाई नहीं कर रही न ही समाधान कर रही है। वहीं उन्होंने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के लिए सरकार तैयार नहीं है।
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