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अंबाला स्थित एमएस फेंटेसी गेमिंग टेक्नॉलाजी (ओपीसी) प्रा. ली. के डायरेक्टर मोहित शर्मा की शिकायत पर सीबीआई ने दो प्राइवेट व्यक्तियों को 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। आरोपियों की पहचान पटियाला चौक नरवाना रोड जींद के रहने वाले अनिल मोर और कैथल अर्जुन नगर चीका रोड निवासी दिलवाग सिंह के रूप में हुई है।
सीबीआई की टीम ने दोनों आरेापियों को बुधवार को सीबीआई कोर्ट में पेश की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। सीबीआई के सीनियर पब्लिक प्राॅसिक्यूटर पीके डोगरा ने कोर्ट में बहस के दौरान कहा कि मामले मंे कई पंजाब पुलिस के डीएसपी जीरकपुर अमरोज सिंह व उनके रीडर के नाम का जिक्र भी है, इसलिए रिमांड की जरूरत है।
दोनों का सीबीआई कोर्ट ने रिमांड दे दिया। सीबीआई को गतदिवस मोहित शर्मा से शिकायत मिली थी। इसमें उन्होंने लिखा था कि अनिल मोर व साथियों की तरफ से उससे 50 लाख कैश तथा कंपनी में 33 फीसदी शेयर की डिमांड की जा रही थी। पीड़ित ने बताया कि जीरकपुर पुलिस द्वारा एक मामले में उसे बैंक अकाउंट फ्रीज किए गए हैं।
इस एवज में जीरकपुर पुलिस के नाम पर अनिल मोर उससे रिश्वत की मांग कर रहा है। बकायदा साढ़े 12 लाख रुपए ले चुका है, जोकि कैश व बैंक ट्रांजेक्शन की गई है। उसे 9 मार्च को डीएसपी जीरकपुर अमरोज सिंह के रीडर मनदीप सिंह की कॉल आई। जिसमें उसने कहा कि एमएस फेंटेसी गेमिंग टेक्नॉलाजी (ओपीसी) प्रा. ली. के डॉयरेक्टर मोहित शर्मा के खिलाफ प्रदीप सिंह नाम के शख्स ने 15 लाख रुपए कंपनी में शेयर दिलवाने के नाम पर लिए हुए हैं।
केस सॉल्व करने का दिया झांसा...
सीबीआई को दी शिकायत में शिकायतकर्ता मोहित शर्मा ने बताया कि जिस दिन वह डीएसपी जीरकपुर अमरोज सिंह के ऑफिस में उनके रीडर मनदीप को मिल आया। उसी दिन उसे अनिल मोर ने कॉल की और कहा कि वह डीएसपी अमरोज सिंह के बिहाफ पर कॉल कर रहा है और उसका जो मामला यहां पर चल रहा है उसको साॅल्व करवा देगा। जीरकपुर पुलिस द्वारा उसके अकाऊंट फ्रीज किए गए और अनिल मोर ने 50 लाख रुपए रिश्वत की मांग की गई।
पॉजिटिव- कुछ रचनात्मक तथा सामाजिक कार्यों में आपका अधिकतर समय व्यतीत होगा। मीडिया तथा संपर्क सूत्रों संबंधी गतिविधियों में अपना विशेष ध्यान केंद्रित रखें, आपको कोई महत्वपूर्ण सूचना मिल सकती हैं। अनुभव...
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