पंजाब यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड करीब 12 एजुकेशन कॉलेजों को एफीलिएशन कमेटी ने बुधवार को कैंपस में बुलाया था। सिंडीकेट रूम में डॉ. मुकेश अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई मीटिंग के दौरान सभी प्रिंसिपल व उनके प्रतिनिधि कॉलेजों की ओर से अपना पक्ष रखने के लिए पहुंचे, लेकिन उनको साफ कर दिया गया कि वह टीचरों की भर्ती समेत सारे प्रोसेस पूरे करें। अगर ऐसा नहीं करते तो अगले साल उनकी सीटें घटा दी जाएंगी।
न सिर्फ उनको एडमिशन के लिए कम सीटों पर परमिशन दी जाएगी, बल्कि इंस्पेक्शन कमेटी भी उनके कॉलेज की विजिट नहीं करेगी। 25 मार्च तक उनको इस बारे में कम्प्लायंस रिपोर्ट प्रूफ के साथ देने के लिए कहा गया है। एफीलिएशन कमेटी के इस फैसले के बारे में कॉलेज को भेजने वाली लेटर की एक कॉपी डायरेक्टर हायर एजुकेशन पंजाब को भी भेजेगी। एफीलिएशन के बहुत सारे मामले रुके हुए हैं, जिसमें से फिलहाल मोगा और श्री मुक्तसर साहिब के कॉलेजों को ही कंसीडर किया गया था। अगली मीटिंग में डिग्री कॉलेजों की बारी है।
मंगलवार को भी मीटिंग के दौरान डॉ. शमिंदर सिंह संधू, डॉ. प्रवीण गोयल, डॉ. जितेंद्र ग्रोवर, वरिंदर गिल, प्रिंसिपल आरएस झांजी और डीन कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल प्रो. संजय कौशिक शामिल हुए। पिछली बार हुई मीटिंग के दौरान ऐसे कॉलेजों को नोटिस दिए गए थे, जिन्होंने इंस्पेक्शन कमेटी की ओर से दी गई सिफारिशों के अनुसार कमियों को दूर नहीं किया था। बुधवार को जब प्रिंसिपल पहुंचे तो 2-3 कॉलेज ऐसे थे, जिनके पास भर्ती करने से संबंधित और इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर किए गए सुधार के पूरे प्रूफ थे।
उन्होंने अपनी रिपोर्ट रखी और उनको परमिशन दे दी गई। कुछ एक कॉलेजों का कहना था कि उनके पास दो यूनिट हैं, लेकिन एडमिशन एक यूनिट के बराबर भी नहीं है। ऐसे में 25 स्टूडेंट्स के लिए 60 स्टूडेंट्स के अनुसार टीचरों की शर्त यूनिवर्सिटी को नहीं रखनी चाहिए।
बहरहाल, लंबे डिस्कशन के बाद उनको साफ कर दिया गया है कि अगर वे टीचरों की भर्ती, पढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और कई कॉलेजों में टीचरों का पीएफ ना काटने जैसी समस्याओं का सॉल्यूशन नहीं करते तो बेशक इस साल स्टूडेंट के भविष्य को देखते हुए पेपर ले लिए जाएंगे, लेकिन अगली बार उनको एडमिशन की इजाजत नहीं होगी। बता दें एफीलिएशन पिछले साल अप्रैल से अगस्त के बीच होनी चाहिए थी, लेकिन किसी न किसी वजह से यह काम पूरा नहीं हुआ।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.